केंद्र सरकार द्वारा धारा 370 लिए गए फैसले के बाद अब बताया जा रहा है कि अगला कदम समान नागरिकता संहिता यानी कॉमन सिविल कोड या फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने को लेकर हो सकता’ है। भारत में समान नागरिकता के कानून को लागू करने के लिए लगातार बहस चली है। इस कानून का समर्थन करने वाले लोगों का कहना है कि देश में सभी नागरिकों के लिए एक जैसा नागरिक कानून होना चाहिए फिर वह चाहे किसी भी धर्म से हो।
दरअसल, इस कानून का समर्थन इसलिए किया जाता है क्योंकि इस कानून के अभाव में महिलाओं के बीच आर्थिक और सामाजिक असुरक्षा बढ़ रही है। वहीं सरकार द्वारा इस कानून को बनाने की कोशिश तो की जाती है लेकिन राजनीतिक मजबूरियों के चलते ऐसा करने में नाकामी हासिल होती है।
बता दे कि यूरोप और अमेरिका लोकतंत्र में भी सभी धर्मों, बिरादरीयों के लिए एक जैसा ही कानून है। इस तरह का कानून का विरोध सबसे पहले भारतीय संगठनों द्वारा ही किया गया था लेकिन अब इस कानून के विरोध में केवल मुस्लिम उलेमा और कुछ उदारवादी बुद्धिजीवी ही है।