प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर अभियान अब सरकार ने रक्षा क्षेत्र में भी शुरू कर दिया है। रक्षा क्षेत्र में जहा हम पहले विदेशो पर निर्भर रहते थे वही अब प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी भी सुनिश्चित कर दी गयी है। पहली बार रक्षा क्षेत्र में आयुध निर्माण करके जहा विदेशी पूंजी भी बचेगी वही देश भविष्य में इनका आयात भी कर सकता है। फिलहाल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पहल पर रक्षा क्षेत्र में 9 प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए भारतीय कंपनियों को मंजूरी दे दी गयी है। डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज (डिस्क) 4 के तहत, सशस्त्र बलों, ओएफबी और डीपीएसयू की ग्यारह चुनौतियों को संभावित स्टार्टअप्स, इनोवेटर्स, एमएसएमई के लिए समान रूप से खोल दिया गया है। इन सभी के अंतर्गत ऐसे प्रोजेक्ट शामिल है, जिन्हे पहले भारत विदेशो से आयात करता था। लेकिन अब यह भारत में ही बनेंगी।
गौरतलब है कि अभी तक भारत अपने जरूरत के हथियार, तोप और एयरक्राफ्ट्स अमेरिका से खरीदता आया है, लेकिन अब भारत भी अमेरिका को लड़ाकू विमान देने के लिए तैयार है। हाल ही में अमेरिका नौसेना ने अंडरग्रैजुयेट जेट ट्रैनिंग सिस्टम के लिए एक ग्लोबल आरएफआई (यानी रिक्यूस्ट फॉर इंफोर्मेशन) जारी की थी। आरएफआई किसी भी हथियार या सैन्य साजो सामान को खरीदने की लंबी प्रक्रिया का पहला चरण होता है। इसके तहत अमेरिकी नौसेना एयरक्राफ्ट कैरियर विमानवाहक युद्धपोत पर ट्रेनिंग के लिए फाइटर जेट खरीदना चाहती है।
उसके लिए ही दुनियाभर की उन कंपनियों से जानकारी मांगी थी जो एयरक्राफ्ट कैरियर पर ऑपरेशन्स करने वाले (ट्रेनिंग) लड़ाकू विमान बनाती हैं। अब ख़बरें आ रही हैं कि एचएएल ने हाल ही में भारतीय नौसेना के लिए एलसीए-नेवी विमान तैयार किया है और उसके एयरक्राफ्ट कैरियर (आईएनएस विक्रमादित्य पर) सफल परीक्षण भी हो चुके हैं, इसलिए हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड ने अमेरिकी नौसेना की ग्लोबल आरएफआई पर ‘रेस्पोंड’ किया है।
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इस संबंध में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आईडीईएक्स इस प्रयास के तहत हम देश में डिफेंस सेक्टर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्टार्टअप के लिए बेहतर इकोसिस्टम तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं। ये आत्मनिर्भर अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि पहली बार देश में ऐसा माहौल बना है जब रक्षा क्षेत्र में इनोवेशन को आगे बढ़ाने के लिए सभी स्टेक होल्डर्स को साथ लाया गया है।
रक्षा मंत्री ने कहा हमारे डिफेंस सिस्टम को और मजबूत बनाने और इसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी भी जरूरी है। इसके लिए हमने कुछ कदम उठाए हैं जैसे निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी, टैक्नॉलिजी ट्रांसफर, आदि में 74% एफडीआई और हाल ही में अनुबंधित अवधि के बाद आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए जारी की गई 101 वस्तुओं की नकारात्मक सूची शामिल है।