“दलित होने की वजह से अफसर मेरी बिल्कुल नहीं सुनते। अभी तक विभाग में मुझे कोई काम नहीं मिला है। दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण उनके किसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है । न ही उन्हें सूचना दी जाती है कि विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं चल रही है। उन पर क्या कार्रवाई हो रही है । यूपी सरकार के अफसर दलितों का अपमान कर रहे हैं । “
यह कहना है उत्तर प्रदेश के जल राज्यमंत्री दिनेश खटीक का। दिनेश खटीक सहित राज्य के तीन मंत्री फिलहाल अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे हैं।
फिलहाल, उत्तर प्रदेश सरकार में 3 मंत्रियों के नाराजगी की वजह हुए तबादले हैं। इन तबादलों में भारी गड़बड़झाला हुआ। जिसके चलते ही मुख्यमंत्री योगी ने सीधे हस्तक्षेप कर कार्रवाई कर डाली। शायद यही वजह है कि फिलहाल तीन मंत्री अपनी ही सरकार से नाराज है ।
इससे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार परेशानी में है । मंत्रियों की यह नाराजगी कई दिनों से सामने आ रही है। यहां तक की राज्य मंत्री दिनेश खटीक तो सरकारी गाड़ी को छोड़कर मेरठ के लिए निकल चुके हैं। हालांकि आज वह गृह मंत्री अमित शाह में भी मिलेंगे।
इसके अलावा प्रदेश में भारी भरकम मंत्रालय पीडब्ल्यूडी के मंत्री जितिन प्रसाद भी योगी सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं। जितिन प्रसाद उस दिन से ही नाराज है जिस दिन उनके चहेते ओएसडी अनिल पांडे को मुख्यमंत्री योगी ने हटाया था। जितेंद्र प्रसाद अनिल पांडे को अपने साथ दिल्ली से लाए थे। वह प्रतिनियुक्ति पर यूपी में तैनात थे।
यूपी में कुछ दिनों पहले ही अधिशासी अभियंताओं और अभियंताओं के करीब 500 तबादले हुए। इन भारी-भरकम तबादलों में पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल पांडे से चूक हो गई। जिसमें एक ट्रांसफर ऐसा कर दिया गया जो इंजीनियर कुछ दिन पहले ही स्वर्ग सिधार गया था।
बताया जाता है कि इन तबादलों में काफी कुछ गड़बड़ हुआ। जिसके चलते मुख्यमंत्री योगी ने जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल पांडे पर न केवल विजिलेंस की जांच बिठाई बल्कि उनकी इस पद से छुट्टी भी कर दी। तभी से जितिन प्रसाद मुख्यमंत्री योगी से नाराज बताए जा रहे हैं।
इसके अलावा तीसरे मंत्री हैं बृजेश पाठक। बृजेश पाठक उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम भी है तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के मंत्री भी हैं। इनके विभाग में भी तबादले हुए। लेकिन तबादलों में स्वास्थ्य मंत्री की राय तक नहीं ली गई। इसके चलते ही पाठक उखड़ गए। उन्होंने तबादलों पर सवाल उठा दिए । बताया जा रहा है कि बृजेश पाठक के अधीनस्थ अधिकारी उनकी नहीं सुन रहे हैं। इसके चलते ही डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने अपनी नाराजगी को केंद्र के समक्ष रखने की बात कही है।