बिगड़े बोल 1
वह जयपुर से दिल्ली की फ्लाइट पर बैठे हुए थे। उनके बगल में एक महिला बैठी हुई थी। महिला एक एनजीओ चलाती थीं, जबकि उसके पति एक कॉलेज में प्रोफेसर थे। उस महिला ने पांव में गमबूट और घुटनों में फटी जींस पहनी हुई थी। महिला के साथ उसके दो बच्चे भी थे। एनजीओ चलाती हैं, पति जेएनयू में प्रोफेसर हैं, घुटने फटे दिख रहे हैं, समाज के बीच में जाती हैं, बच्चे साथ में है। क्या संस्कार दे रही हैं।
बिगड़े बोल 2
भगवान राम हमारे आदर्श हैं, राम जी ने जिस तरह से समाज के लिए कार्य किया, राक्षस प्रवृत्ति के लोगों को समाप्त किया, इसी तरह वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी देश हित में कार्य कर रहे हैं, इसलिए वह भी हमारे आदर्श हैं। उसी अनुरूप हम मोदी जी को आदर्श मान रहे हैं।
बिगड़े बोल 3
कोरोना काल में सरकार की ओर से हर घर में प्रति यूनिट 5 किलो राशन दिया गया। जिनके 10 थे उनको 50 किलो, 20 थे तो क्विंटल भर राशन दिया गया। फिर भी कुछ लोगों को जलन होने लगी कि 2 वालों को 10 किलो और 20 वालों को क्विंटल भर मिला। इसमें जलन कैसी? जब समय था तो आपने 2 ही पैदा किए 20 क्यों नहीं पैदा किए।
बिगड़े बोल 4
अमेरिका ने भारत को 200 सालों तक गुलाम बनाए रखा। अन्य देशों की तुलना में भारत कोरोना संकट से निपटने के मामले में बेहतर काम कर रहा है। वहीं अमेरिका, जिसने हमें 200 साल तक गुलाम बनाए रखा और दुनिया पर राज किया, वर्तमान समय में संघर्ष कर रहा है।
उत्तराखंड में भाजपा ने नेतृत्व परिवर्तन करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर पौढी के सांसद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया। उन्हें मुख्यमंत्री बनाए आज एक पखवाड़ा भी नहीं बीता है कि इसी दौरान वह विवादों में आ गए। एक साफ-सुथरी छवि के नेता रहे तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने के बाद जब भी अपना मुंह खोला तो कुछ विवादास्पद ही बोला।
फिलहाल, पूरे देश में तीरथ सिंह रावत के बयानों पर उबाल है। महिलाओं ने तो फटी जींस के मामले पर पूरे देश में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के खिलाफ धरना प्रदर्शन तक किए हैं। हालांकि, इस बयान पर उन्होंने माफी मांग ली थी। लेकिन इसके बावजूद भी वह नहीं थमे। एक बार फिर उन्होंने नैनीताल जिले के रामनगर में ऐसा बोल दिया जिससे एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई है। इस मुद्दे पर “दि संडे पोस्ट ” में कई नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है।
एआईसीसी की सदस्य और कांग्रेस की उत्तराखंड प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह इसलिए किया है कि जिससे जनता का ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके । साथ ही वह सवाल करती है कि इरादतन मुख्यमंत्री इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं या फिर उनके संस्कारों में शिक्षा दीक्षा का अभाव रह गया है। क्योंकि भाजपा पहले आरएसएस, जनसंघ से जानी जाती थी। दोनों का ही देश की स्वतंत्रता के आंदोलन में कोई हिस्सा नहीं रहा। आजादी की लड़ाई में कोई लेना-देना नहीं होने के चलते ही उन्हें यह तक नहीं पता की हमारे देश पर 200 साल का राज किसने किया ।
दसौनी कहती है कि फटी जींस का जिक्र मुख्यमंत्री ने मातृशक्ति को अपमानित करने के लिए किया है। इसी के साथ ही वह कहती है कि मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की गरीबी और आपदा का भी अपमान किया है । चावलों का जिक्र करके उन्होंने जनता की हैसियत को याद दिला दिया है। जिसमें वह चावल आदि पर यह कहते हुए देखे गए कि जिनके इस चावल तो खाने की हैसियत नहीं थी उनको भी बढ़िया वाला चावल दिया गया । चावल वाले बयान को वह उत्तराखंड का जनमानस का घोर अपमान बताती है। जिस पर वह कहती है कि जिस तरह मुख्यमंत्री ने फटी जींस पर माफी मांगी है , उसी तरह इस मामले पर भी माफी मांगे।
दसौनी का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की जनता को इतना भूखा नंगा समझ लिया है कि वह राशन के लिए ज्यादा संतान पैदा करेगी। इस बयान के लिए वह कड़ी से कड़ी निंदा करती हैं । इसके साथ ही वह कहती हैं कि भगवान राम से मोदी की तुलना करके मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म का और अपमान किया है। धार्मिक देवी देवताओं की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। खासकर मोदी जी से तो नहीं । कुंभ में दिए गए फैसले को वह तानाशाही फैसला बताती है और कहती है कि इस फैसले से उत्तराखंड में कोरोना महामारी की महाप्रलय भी आ सकती है।
उत्तराखंड नवनिर्माण पार्टी के महासचिव डॉ मुकेश चंद्र पंत ने कहा कि उत्तराखंड आरएसएस की पॉलिसी पर चल रहा है । आरएसएस की एक पॉलिसी रहती है, जिसमें वह कठपुतली सरकार चलाती है। इस कठपुतली सरकार के सरदार दिल्ली बैठे हैं। वह जो चाहे कराते हैं । मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को वह घोर आरएसएस कैडर बताते हैं। साथ ही वह कहते हैं कि फटी जींस के बाद अमेरिका वाला बयान डैमेज कंट्रोल के लिए दिया गया था ।
जो व्यक्ति पत्रकारिता का विद्यार्थी रहा हो वह ऐसा बयान सिर्फ डैमेज कंट्रोल के लिए ही दे सकता है। हालांकि इसे वह मूर्खता का उदाहरण बताते हैं ।वह कहते हैं कि तीरथ सिंह रावत मूर्ख मुख्यमंत्रियों की श्रेणी में आते हैं । साथ ही पंत यह भी कहते हैं कि तीरथ की अब राजनीतिक पारी खत्म होने वाली है । 2 महीने बाद उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री मिल सकता है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हरीश अवस्थी का कहना है कि देश में इस समय सत्ता पर नमूने बैठा दिए गए हैं । केंद्र से लेकर राज्य तक हर जगह नमूनों की बहार आ गई है । इसमें उत्तराखंड की बदकिस्मती है कि यहां ऐसे मुख्यमंत्री बनाए गए हैं जिन्हें यहां के सरोकारों से कोई मतलब नहीं है । पंत कहते हैं कि वह उत्तराखंड जिसने देश को 4 – 4 कैबिनेट सेक्रेटरी दिए । साहित्यकार दिए। वहां आज ऐसे लोग मुख्यमंत्री बन कर आ रहे हैं जिन्हें जनरल नॉलेज का एक सिंपल सा मामला भी नहीं पता है।
अवस्थी के अनुसार उत्तराखंड का मुख्यमंत्री पिछले 10 दिन से ऐसे ऐसे बयान दे रहा है जिससे लगता है कि मुख्यमंत्री की सीट पर कोई व्यक्ति होली की भांग खाकर बैठा है। वह कभी कोरोना मैं भीड़ बढ़ाता है तो दूसरी तरफ आबादी बढ़ाने का संदेश देता हुआ नजर आता है। उधर, दूसरी तरफ इस मामले में जब सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल से बात की गई तो उन्होंने इस संबंध में कोई भी बात करने से इंकार कर दिया।