मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने घोसणा की है कि नए साल की शुरुआत के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक में 1 जनवरी 2023 से 450 प्रकार के चिकित्सक टेस्ट निःशुल्क उपलब्ध होंगे । जिसमें गर्भवती महिलाओं और स्त्री रोग से जुड़ी सभी तरह की दवाइयां, टेस्ट और अल्ट्रासाउंड आदि शामिल हैं।
मुख्यमंत्री का कहना है कि उनके द्वारा उठाये गए इस कदम से उन लोगों को सहायता मिलेगी जो निजी स्वास्थ्य देखभाल का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। क्योंकि कई बार इलाज का खर्चा ज्यादा होने की वजह से गरीब परिवार के लोग सही तरह से अपना इलाज नहीं कर पाते जो उनके लिए जानलेवा भी सिद्ध हो सकता है। वर्तमान में दिल्ली सरकार सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक में करीब 212 चिकित्सा टेस्ट मुफ्त में करवाता है। लेकिन हाल ही में में मिली नगरपालिका चुनाव में जीत के बाद केजरीवाल ने अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में इनके 238 प्रकार के जांच फ्री में करने के स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा है कि , “सभी को अच्छी गुणवत्ता वाला स्वास्थ्य और शिक्षा प्रदान करना, चाहे किसी की भी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो, हमारा मिशन है। स्वास्थ्य सेवा बहुत महंगी हो गई है। कई लोग निजी स्वास्थ्य सेवा का खर्च नहीं उठा सकते। यह कदम ऐसे सभी लोगों की मदद करेगा।” यह सुविधा दिल्ली के सभी लोगों को उपलब्ध होगी।
महिला मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत
बीते महीने ही केजरीवाल सरकार ने देश की महिलाओं के लिए एक नई योजना की शुरुआत करते हुए देश का पहला महिला मोहल्ला क्लीनिक लॉन्च किया है। इन मोहल्ला क्लिनिक में केवल महिलाओं और 12 साल से कम उम्र के बच्चों को चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाएँगी। इन मोहल्ला क्लिनिक की खास बात यह है की यहाँ जांच करने वाले चिकित्सक से लेकर कर्मचारी तक सभी महिलाएं होंगी। यह फैसला महिलाओं के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगा क्योंकि महिलाओं की कई शारीरिक बीमारियां ऐसी होती हैं जो वो पुरुष चिकित्सक को पूर्ण रूप से नहीं बता पाती या बताने में हिचकिचाती हैं। यह बीमारियां आगे चलकर उनके लिए घातक सिद्ध होती हैं।
11 नए अस्पताल का निर्माण
हाल ही में दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी की थी कि सरकारी अस्पतालों में अगले साल तक मरीजों के लिए 10 हजार से ज्यादा बेड की संख्या में वृद्धि की जाएगी। इसके साथ ही 11 नए अस्पतालों की भी शुरुआत की जाएगी। जिनमे से 4 अस्पतालों में करीब ३ हजार बीएड होंगे। वहीं बाकी के 7 अस्पतालों में 6 हजार 838 आईसीयू बेड की सुविधा प्रदान की जाएगी।