भारतीय रिजर्व बैंक ने सीकेपी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसकी वजह से बैंक के करीब सवा लाख खाताधारकों पर संकट खड़ा हो गया है। बैंक की 485 करोड़ रुपये की एफडी भी अधर में अटक गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार, सीकेपी सहकारी बैंक की नेटवर्थ में गिरावट इसके लाइसेंस रद्द करने का कारण बनी है। ऑपरेशनल मुनाफा होने के बावजूद नेट वर्थ में गिरावट होने के कारण बैंक का लाइसेंस रद्द किया है।
मुंबई के दादर में बैंक का मुख्यालय है। महाराष्ट्र टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक बैंक का घाटा बढ़ने और नेट वर्थ में बड़ी गिरावट आने के कारण बैंक के लेन-देन पर साल 2014 में प्रतिबंध लगाया गया था। उसके बाद से कई बार बैंक का घाटा कम करने का प्रयत्न किया गया।
कुछ लोगों ने अपने एफडी को शेयर में निवेश कर लिया था और कुछ हद तक उसके परिणाम भी दिखाई देने लगे थे। बैंक का घाटा कम हो रहा था परंतु ऐसे में आरबीआई ने सीकेपी बैंक का लाइसेंस रद्द करके निवेशकों को बड़ा झटका दिया है।
इसके लिए निवेशकों-जमाकर्ताओं ने भी प्रयत्न किया था। इन्होंने ब्याज दर में कटौती की थी। ब्याज दर 2 प्रतिशत तक लाई गई थी।
आरबीआई साल 2014 से ही लगातार बैंक पर प्रतिबंध की अवधि को बढ़ा रहा है। इसके पहले 31 मार्च को अवधि बढ़ाकर 31 मई की गई थी, परंतु आरबीआई ने उसके पहले ही बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है।