देश के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने अदालत के सरकार की लाइन पर चलने के आरोप से सिरे से नकार दिया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की आपदा जैसी स्थिति में देश के तीनों अंगों कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को मिलकर काम करना होता है।
CJI ने यह भी कहा कि महामारी या किसी आपदा से निपटने के लिए कार्यपालिका ही बेहतर है, लेकिन अगर कार्यपालिका लोगों के जीवन को खतरे में डालेंगी तो न्यायपालिका अवश्य हस्तक्षेप करेगी। संकट के इस वक्त में देश और देशवासियों के लिए संदेश देते हुए CJI ने कहा कि इस घड़ी में धैर्य बनाए रखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए तीनों अंगों को मिलकर सौहार्द के साथ काम करना होता है। बेशक महामारी से निपटने के लिए कार्यपालिका ही बेहतर है, लेकिन अगर कार्यपालिका अपने कर्तव्य के निर्वहन से चूककर लोगों के जीवन को खतरे में डालेगी तो न्यायपालिका हस्तक्षेप करेगी। तीन M यानी मैन, मनी और मेटेरियल का कैसे इस्तेमाल हो, कहां इस्तेमाल हो और कितना इस्तेमाल हो, यह कार्यपालिका को ही तय करना चाहिए।
CJI ने माना कि कोरोना वायरस के चलते अदालत पर याचिकाओं का दबाव कम हुआ। सुप्रीम कोर्ट में जनवरी 2020 में 205 याचिकाएं रोजाना दाखिल होती थीं लेकिन अब अप्रैल माह सिर्फ 305 याचिकाएं ही दाखिल हुई हैं। चोर चोरी नहीं कर रहे हैं, चोरी की घटनाएं कम हो गई हैं। उन्होंने कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालती कार्यवाही चलती रहेगी लेकिन ये अदालतों की जगह नहीं ले सकती। कोर्ट बेशक ‘वर्चुअल’ चल रही हैं लेकिन जज आराम नहीं कर रहे हैं।
प्रवासी मजदूरों के विभिन्न राज्यों में फंसने और उनके रोजीरोटी से जुड़े मुद्दे पर उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों का मामला अभी लंबित है लेकिन हम जो कर सकते हैं कर रहे हैं। हम फील्ड में नहीं हैं, अदालत ने सरकार को सभी प्रवासी मजदूरों को शेल्टर, खाना व काउंसलिंग समेत अन्य सुविधाओं को आदेश दिए हैं। कोरोना महामारी के दौरान जो कर सकते हैं हम कर कहे हैं।
देश में Covid-19 से मरने वालों का आंकड़ा 872 पर पहुंच गया। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस से अब तक 872 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 27,892 हो गई है। वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,396 नए मामले सामने आए हैं और 48 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, थोड़ी राहत वाली बात यह है कि इस बीमारी से अब तक 6,185 मरीज ठीक को चुके हैं. 24 घन्टे में 381 लोग ठीक हुए हैं।