भारत सहित पूरा विश्व कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए के लिए योद्धाओ की भांति जंग लड़ रहा है। ऐसे समय में राजस्थान के चूरू जिले के कलक्टर संदेश नायक के गिव अप समथिंग अभियान से प्रेरित होकर गाँव घण्टेल के एक युवक ने राष्ट्रहित के लिए कोरोना वैक्सीन परीक्षण और शोध के लिए अपना जीवित शरीर देने की पेशकश की है। घण्टेल गाँव के एक युवक रतन स्वामी ने जिला कलक्टर संदेश नायक और आरसीएचओ डॉ सुनील जांदू को इस संबंध में एक पत्र लिखकर लोगो को बचाने के लिए खुशी-खुशी अपने शरीर देने की इच्छा ज़ाहिर की हैं।
38 साल के रतन स्वामी के इस फैसले पर उनकी पत्नी पिंकी ने भी गर्व करते हुए राष्ट्रहित सर्वोपरि की बात कही है। दो बच्चों के पिता रतन स्वामी ने पत्र लिखकर अपनी इच्छा जताई है कि प्रदेश के वैज्ञानिकों, डॉक्टरों को कोरोना को हराने के लिए मानव शरीर की जरूरत है। इसलिए वह इस महामारी से लोगों की जान बचाने के लिए खुद की देह देने को भी तैयार हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रहित की दिशा में यदि मुझे यह अवसर मिलता है तो मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूँ।
रतन स्वामी कहते हैं कि कोरोना को हराने के लिए विश्वभर के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। ऐसे समय मैं यदि प्रदेश के वैज्ञानिक, चिकित्सक या शोधकर्ताओं को उनका शरीर वैक्सीन परीक्षण के लिए चाहिए तो वह इसके लिए तत्पर है। इस बीमारी को खत्म के लिए अगर वैक्सीन परीक्षण को स्वस्थ मानव शरीर की जरूरत पड़े तो वह अपना शरीर समर्पित करने के लिए तैयार हैं। रतन स्वामी के इस कदम की केवल परिवार के लोग ही नहीं अपितु ग्रामीण भी काफी सराहना करते नज़र आ रहे हैं। साथ ही चूरू के छोटे से गांव घण्टेल के रतन की इस बडी सोच से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे योद्धाओं का हौसला बढ़ सकता है।