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चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को आदेश दिया है कि बिना प्रमाणित किसी भी चुनावी सामग्री को प्रसारित न किया जाए। चुनाव आयोग का कहना है कि मीडिया सर्टिफिकेशन एंड माॅनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) से प्रमाणित सामग्री को ही नमो टीवी पर प्रसारित किया जाए।
नमो टीवी: दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने कहा है, इस बात की पुष्टि की है कि नमो टीवी कंटेंट टीवी पर चलने वाली सामग्री बिना आपकी एमसीएमसी कमेटी की मंजूरी के प्रसारित हो रही है? इसके बाद चुनाव आयोग ने कहा है कि नमो टीवी एक राजनीतिक पार्टी द्वारा प्रायोजित है और इस पर दिखाई जा रही राजनीतिक सामग्री के सभी रिकाॅर्ड कार्यक्रम और राजनीतिक विज्ञापनों की मंजूरी लेना जरूरी है। आयोग ने कहा है कि दिखाई जा रही ऐसी राजनीतिक प्रचार की चीजें जिसकी अनुमति नहीं ली गई। उस पर तुरंत रोक लगा दी जाए एवं किसी भी तरह की राजनीतिक सामग्री को उसके निर्देशों के अनुसार ही अनुमति दी जाए। बीजेपी नेताओं का कहना था कि नमो टीवी नमो ऐप का हिस्सा है लेकिन बाद में 28 मार्च के बाद यह डीटीएच प्लेटफाॅर्म पर दिखाया जाने लगा।
बहरहाल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से नमो टीवी की शिकायत की। दोनों पार्टियों का कहना था कि यह चैनल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। आम चुनाव की घोषणा के बाद यह चैनल विस्तार में आया। वहीं, डीटीएच पर सर्विस देने वाले टाटा स्काई ने इस बारे में कहा कि नमो टीवी हिंदी न्यूज चैनल नहीं है। यह एक विशेष सुविधा है जो इंटरनेट के माध्यम से मुहैया कराई जा रही है। इसके प्रसारण के लिए सरकारी लाइसेंस की जरूरत नहीं है।
नमो फूड्र्स: वोटिंग के दिन नोएडा सेक्टर-15, पोलिंग बूथ के पास चुनावी गाड़ी में ‘नमो फूड्र्स’ की थाली बांटी गई।  इसी बूथ पर बीजेपी के प्रत्याशी महेश चंद शर्मा ने वोट किया। गाड़ी में पुलिस वालों की मौजूदगी की भी ये बात कही जा रही है। पोलिंग पार्टियों के लिए यह खाना उपलब्ध कराया गया। बी -65, सेक्टर-2 नोएडा से आए इन पैकेट्स को डीएम ने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना है।  क्षेत्रिय निर्वाचन आयुक्त एल ़वेंकटेश्वर लू ने गौतमबुद्ध नगर के डीएम से इस पर रिपोर्ट भी मांग ली है। गौतमबुद्ध नगर से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि राजनीतिक दल द्वारा पुलिसकर्मियों को बांटी जा रही थाली की खबर ठीक नहीं है। कुछ लोगों का कहना है कि फूड पैकेट ‘नमो फूड’ शाॅप से मंगवाई गई है।  इस तरह से अफवाह फैलाई जा रही है। विशेष फूड आउटलेट से भोजन खरीदने का आधिकारिक आदेश नहीं दिया गया है। ‘नमो फूड’ पर हुए विवाद पर अडिशनल चीफ इलेक्शन आॅफिसर बीआर तिवारी ने बयान दिया। उन्होंने कहा, हमें इस बारे में मीडिया की खबरों से ही पता चला। वह दुकान काफी पुरानी है। 10 साल से भी पुरानी और इसी नाम से चल रही है। मीडिया में इसे दूसरे ढंग से दिखाया।

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