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क्रोनिक मरीज को तीन महीने की दवा एक साथ की जाएगी इश्यू: लव अग्रवाल

भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होते जा रही है। ऐसे में राज्य सरकार और केंद्र सरकार इससे बचने के लिए तरह-तरह के कदम उठा रही है। जिससे इसका और फैलाव न हो। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की और से भी कोरोना वायरस से निपटने लिए समय-समय पर गाइडलाइन निकलती रहती है। शनिवार की शाम को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोरोना वायरस के संबंध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई।

संयुक्त स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि हम ये पूरा प्रयत्न कर रहे हैं कि लॉकडाउन में मरीजों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो। उन्होंने आगे बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए ही आज हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक आदेश जारी किया है कि सीजीएचएस के जो हमारे क्रोनिक पेशेंट है। उनको तीन महीने की दवा एक साथ इश्यू की जाए और पेशेंट को खुद ना जाना पड़े। गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज अपने किसी रिप्रजेंटेटिव को भेजकर भी दवाइयां ले सकते हैं।

लव अग्रवाल के मुताबिक, देश के अन्य राज्यों में कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए जा रहे इंतजामों का जायजा लेने के लिए भी स्वास्थ्य मंत्रालय अग्रसर है। इसके लिए मंत्रालय ने सभी राज्यों में नोडल अधिकारी लगाए हैं। लव अग्रवाल ने बताया कि उन सभी नोडल अधिकारियों से स्वास्थ्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करेंगे। इस दौरान लॉकडाउन और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं और तैयारियों पर बात होगी।

संयुक्त स्वास्थ्य सचिव ने कोरोना से निपटने की तैयारी की जानकारी देते हुए आगे बताया कि एम्स दिल्ली के साथ मिलकर ऑनलाइन पद्धति के द्वारा हम ट्रेनिंग कर रहे हैं। उसके तहत ही डॉक्टर्स के साथ-साथ नर्सिंग स्टाफ की ट्रेनिंग भी अगले पांच से सात दिनों में एम्स द्वारा पूरे देश में आयोजित की जाएगी। जिसमें बताया जाएगा कि कोविड पेशेंट को कैसे संभाला जाए कैसे इलाज किया जाए उनका कैसे फॉलोअप किया जाए इस बारे में गाइडेंस दी जाएगी।

लव अग्रवाल ने बताया कि आज स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स दिल्ली में एक कोविड- 19 से रिलीटेड 24×7 राष्ट्रीय टेली कंसल्टेशन केन्द्र का उद्घाटन किया है। इस केन्द्र के द्वारा हॉस्पिटल्स और मेडिकल कॉलेजों के जो डॉक्टर हैं। उनको एम्स के डॉक्टरों के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस, स्काइप और वॉट्सएप जैसे अन्य मोड ऑफ कम्यूनिकेशन के जरिए क्लीनिकल गाइडेंस उपलब्ध कराएंगे।

पीसी में गृह मंत्रालय ने बताया कि हम स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं। लॉकडाउन को भी लगातार मॉनिटर कर रहे हैं। लगातार राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के साथ मिलकर जरूरी सामानों की मूवमेंट पर भी नजर रख रही है। लगातार चर्चा हो रही है। मजदूरों को लेकर राज्यों से बात हुई है। आज गृह सचिव ने सभी राज्यों को मज़दूरों, कारगरों के लिए राहत कैंप सेट करने के लिए पत्र लिखकर कहा है और लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाने की अपील की है।

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