कोरोना वायरस का संक्रमण विश्व में संकट बना हुआ है। लेकिन इस वायरस का नाम महीने दो महीने में बदलता रहा है। चीनी वायरस फिर जेहादी कोरोना और अब तो यह ‘कोरोना माई’ नामक देवी में परिवर्तित हो चुका है। जी हां, आप सही सुन रहे हैं बिहार में कोरोना माई की पूजा अर्चना की जा रही है। पूजा के दौरान कोरोना माई को लौंग, लड्डू और फूल चढ़ाए जा रहे हैं। कोरोना माता की आरती भी गाई जा रही है।
एक तरह से समझिए कोरोना को भगाने की बिड़ा बिहार और झारखंड की महिलाओं ने अपने कंधे पर ले लिया है। पूरे दिन कोरोना मईया को उनके घर भेजने के लिए उपवास और उपासना हो रही है। विश्वभर में वैज्ञानिक रिसर्च में लगे हैं। सभी कोरोना का टीका बनाने में लगे हैं। लगभग हर रोज कोई न कोई टीका तैयार किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ अंधविश्वास के कारण बिहार और झारखंड में कोरोना माई की पूजा शुरू हो गई है।
बिहार के बरौनी, बेगूसराय, दरभंगा, चंपारण, सारण सहित दर्जनों जिलों में महिलाएं कोरोना माई की पूजा कर रही हैं। कोरोना माई की यह अफवाह कहां से शुरू हुई और किसने किया यह तो किसी को नहीं मालूम। लेकिन एक-दूसरे की देखा-देखी कोरोना माई की पूजा खूब की जा रही है। इन सब का एक ही लक्ष्य है खुद को और अपने परिवार को कोरोना माई के प्रकोप से बचा लेने की।
कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक महिला का वीडियो काफी वायरल हुआ था। उस वीडियो में महिला कह रही थी, “यह बिहार के बरौनी से शुरू हुआ है। बरौनी में कुछ महिलाएं खेतों में थीं, तभी कुछ गाय उधर से गुजरीं और उन गायों में से एक गाय महिला के रूप में आ गई। यह देख खेतों में खड़ी महिलाएं काफी डर गईं, जिसके बाद गाय से महिला बनी औरत ने सबको पास बुलाया और कहा कि डरने की जरूरत नहीं। वे कोरोना माई हैं और यह बताने के लिए प्रकट हुई हैं कि अगर उनकी पूजा की जाए तो कोरोना कुछ नहीं कर सकता और पूजा करने वाले का घर-परिवार कोरोना से सुरक्षित रहेगा।”
वीडियो में महिला यह भी कह रही है, “कोरोना माई ने कहा कि वे दो बार आंधी लाकर कोरोना को बहुत हद तक भगा चुकी हैं और उनकी घर-घर पूजा हुई तो एक बार और आंधी लेकर कोरोना को पूरी तरह खत्म कर देंगी।” वीडियो में महिला पूजा की विधि भी बता रही है। महिला का यह वीडियो अब भी खूब वायरल हो रहा है। बिहार की महिलाएं मिलकर निर्जन खेत में अड़हुल के 9 फूल रखकर अगरबत्ती जलाकर 9 लड्डू और 9 लौंग के भोग लगा कर कोरोना माई की आराधना करती दिख रही हैं।
कुछ ऐसा ही नजारा झारखंड में भी देखने को मिल रहा है। ऐसे तो झारखंड पहले ही अंधविश्वास से घिरा रहता है। अंधविश्वास की कई घटनाएं सामने आती रहती हैं, जो इंसानियत को शर्मसार करती हैं। अब कोरोना को लेकर अंधविश्वास में लीन हैं। यहां की महिलाए लोटे को कलश बना उस पर आधार कार्ड रख सूर्य उपासना कर रही हैं। ताकि कोरोना से मुक्ति मिले। यह भी अफवाह फैलाई जा रही है कि जो महिलाएं लोटे पर आधार कार्ड रखकर सूर्य को अर्घ्य देंगी, उनके खातों में मोदी सरकार का भेजा पैसा पहुंचेगा। कोरोना माई की पूजा के लिए सैकड़ों महिलाएं मेराल थाने के हासनदाग गांव में यूरिया नदी के किनारे जमा होती हैं।
जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार द्वारा पैसा खाते में भेजने की अफवाह बड़ी तेजी से फैल रही है। इसलिए महिलाएं आंखें मूंदकर बड़ी संख्या में आधार कार्ड के साथ सूर्य उपासना कर रही हैं ताकि न सिर्फ कोरोना भागे बल्कि इस तंगी में उनके खातों में मोदी सरकार पैसा भी डाल दें।
दैनिक जागरण के प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सूर्य की उपासना करने वाली महिलाएं जिनमें जीरा देवी, शारदा देवी, बर्ती कुमारी, गीता देवी, तेतरी देवी, सुमन देवी आदि ने कहा कि वे सभी कोरोना को भगाने के लिए सूर्य भगवान की पूजा की है। यह पूजा गंगा मइया को ध्यान में रखकर की है ताकि गंगा मईया कोरोना को बहाकर ले जाएं।
यह अंधविश्वास लगातार बढ़ रहा है। इस अंधविश्वास और अफवाह पर अब तक सरकार ने रोक नहीं लगाई है। बल्कि हद तो तब हो गई जब बिहार के सूचना एवम् जनसंपर्क मंत्री नीरज सिंह ने इस मामले में कहा, “कोरोना माई की जो भी पूजा हो रही है उसकी वजह से ऐसा तो नहीं हुआ कि लोग इलाज कराने नहीं जा रहे।” वहीं बिहार के सूचना मंत्री कहते हैं कि सीवान के इलाकों से कोरोना माई की पूजा की बाते सामने आई है।
बिहार में 8000 के करीब पंचायतें हैं। इनमें से 97 प्रतिशत पंचायत बेहद जागरुक है। लेकिन किसी की आस्था का आप क्या कर सकते हैं? वो आगे कहते हैं, “जिन्हें पत्थर पूजना है कि उन्हें कोई रोक नहीं सकता। विश्वास के आधार पर कुछ लोग ‘कोरोना माई’ की पूजा कर रहे होंगे। लेकिन बिहार सरकार ने बीते समय में पंचायतों को जितना मज़बूत किया है। उसकी वजह से ऐसी घटनाएं बेहद सीमित हैं।”
भले इसे बहुत हल्के में लिया जा रहा है जबकि इसी अंधविश्वास के कारण बीते दिनों उत्तर प्रदेश में 16 साल की लड़की ने शिवलिंग पर अपनी जीभ अर्पित कर दी थी। ओडिशा के कटक जिले के नरसिंहपुर में एक पुजारी ने कोरोना को भगाने के लिए एक इंसान की ही बलि दे डाली थी। उस बुजुर्ग पुजारी का भी यही कहना था कि उसके सपने में भगवान आए थे और उन्होंने ही आदेश दिया था कि कोरोना छुटकारा पाने के लिए वह एक नरबलि दे।