भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से चीन ने फोन पर बातचीत की। जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री के बीच २४ मार्च को कोविड-१९ विषय में वार्ता हुई। बातचीत में चीन के विदेश मंत्री यांग की ओर से भारत से अनुरोध किया गया कि वह कोरोना वायरस को चीनी वायरस के नाम से सम्बोधित न करे।
उन्होंने अपील किया कि वायरस के बारे में बताते हुए ‘चीनी वायरस’ शब्द का इस्तेमाल न करें। क्योंकि इससे उनके देश की छवि सबसे सामने गलत उभरती है। जोकि अतंरराष्ट्रीय सहयोग के लिए बेहद दुविधाजनक हो सकता है।
विदेश मंत्री के साथ बातचीत के दौरान यांग की ओर से आशा की गई कि भारत संकुचित मानसिकता का समर्थन नहीं करेगा साथ ही भरोसा जताया कि भारत की ओर से इस वायरस को चीनी वायरस के नाम से सम्बोधित नहीं किया जाएगा।
Discussed with State Councilor and FM Wang Yi of #China our working together in combating #COVID19. Agreed to build further on our bilateral efforts in this domain. Exchanged views on the forthcoming #G20 Summit.
Global challenges require global cooperation.— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 24, 2020
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का फैलना चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ था। जो अब एक महामारी का रूप ले चुका है। इस वायरस ने पिछले साल दिसंबर में पूरी दुनिया में कहर बरपना शुरू किया था। चीन सरकार ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर कहा कि अवश्य ही इस वायरस से जुड़ा पहला मामला चीन से ही सामने आया था। लेकिन इस बात के कोई साक्ष्य मौजूद नहीं हैं। जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि यह चीन की देन है।
दरअसल, चीनी राजनयिक इस वायरस को ‘चीनी वायरस’ के नाम से इस्तेमाल करने के लिए रोक रही हैं। इसके लिए चीन पूरी दुनिया में एक अभियान चला रहा है। भारत में मौजूद चीनी राजनयिक सुन वीडोंग ने मंगलवार शाम ट्वीट करके कहा, “वांग यी ने कहा कि इस वायरस को लेबल करके चीन को कलंकित करना स्वीकार्य नहीं है और यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए हानिकारक है। उम्मीद है कि भारत इस संकुचित मानसिकता का विरोध करेगा। डॉक्टर जयंकर ने इस बात के लिए राजी हो गए कि वह वायरस को लेबल न करके अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एकजुटता का एक मजबूत संकेत भेजेंगे।”
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ‘चीनी वायरस’ के इस्तेमाल पर कड़ा विरोध जताया है और अमेरिका की काफी आलोचना की थी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने एक बयान में कहा, “चीन ने बार-बार दोहराया है कि अमेरिका में कुछ व्यक्तियों ने जानबूझकर नए कोरोना वायरस को चीन से जोड़ा और लगातार चीन की छवि खराब की है। चीनी लोग इसका कड़ा विरोध करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन और अतंरराष्ट्रीय समुदाय दोनों ने स्पष्ट रूप से किसी वायरस को किसी देश या क्षेत्र से जोड़ने का विरोध किया है।”
पूरा विश्व इस वक्त कोविड-१९ के खिलाफ एक जंग लड़ रहा है। ऐसे समय में चीन ने कहा है कि वह अपनी क्षमता अनुसार भारत को सहायता करेगा। साथ ही चीन अपने अनुभव भी शेयर करने को तैयार है। वांग ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ सहानुभूति और एकजुटता व्यक्त की। जयशंकर ने भारत के लिए सहानुभूति और चिकित्सा सामग्री के सहयोग के लिए चीन का आभार जताया।
राजदूत सुन ने वांग और जयशंकर के मध्य हुई बातचीत के बाद एक ट्वीट करके बताया कि चीनी विदेश मंत्री का कहना है कि चीन को पूरा भरोसा है कि भारत इस वायरस के खिलाफ जंग लड़कर उसमें को है कि चीन को पूरा विश्वास है कि भारत कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़कर उसमें विजयी होगा। साथ ही चीन और भारत एक दूसरे का सहयोग करेंगे। साथ मिलकर संयुक्त रूप से वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य की भी सुरक्षा करेंगे।