चीन ने इस वर्ष ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत की मेजबानी का समर्थन किया है और वह पांच सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है। हाल ही में गलवान संघर्ष में भी चीन ने भारत के साथ हर मोर्चे पर समर्थन दिखाया और भारत ने भी पूर्वी लद्दाख से अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है।
वेबसाइट की शुरुआत
भारत 2021 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) की अध्यक्षता करने की तैयारी कर रहा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 19 फरवरी को दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में स्थित ब्रिक्स सचिवालय में भारत की ब्रिक्स 2021 वेबसाइट लॉन्च की।
इस साल के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के भारत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि भारत ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत का समर्थन करता है। ब्रिक्स अब अंतरराष्ट्रीय मामलों में एक सकारात्मक, स्थिर और रचनात्मक शक्ति है। हालांकि, वांग ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की कि क्या चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
गौरतलब है कि हाल ही में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जून में हुए खूनी सैन्य संघर्ष में बीस भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। घटना में चीनी सैनिकों के मारे जाने की भी बात कही गई थी। हालांकि, चीन इसे लेकर अडिग था कि उनके किसी सैनिक की मौत नहीं हुई है। पैंगॉन्ग झील क्षेत्र से सैनिकों की वापसी के बाद, गलवान घाटी में संघर्ष के बारे में चीन चुप रहा है, लेकिन अब आधिकारिक तौर पर यह पता चला है कि इस घटना में एक चीनी सैनिक भी मारा गया था। पीएलए अधिकारियों सहित चार सैनिक गलवान में मारे गए। चीन द्वारा इन चार सैनिकों को मरणोपरांत पदक से सम्मानित किए जाने के बाद यह जानकारी सामने आई है। इससे ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि चीन अब भारत से दोस्ती करना चाहता है।