देशभर में लोग कोरोना वायरस से लड़ने के जदोजहद में लगे हैं। जहां चारों तरफ डर का माहौल है। वहीं मध्य प्रदेश से अजीबोगरीब खबर सुनने में आ रही है। यह खबर आपको चकित भी करेगा और आप हँसते-हँसते लोटपोट भी होंगे। असल में मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के एक किसान ने अपने बच्चे का नाम ‘लॉकडाउन’ रखा है। ब
च्चे का जन्म 6 अप्रैल को हुआ। बच्चे के पिता का नाम रघुनाथ माली और पत्नी का नाम मंजू है। पेशे से किसानी करने वाले रघुनाथ कहते हैं कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील से प्रभावित हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना के खिलाफ देश को एकजुट रहने की जरूरत है। ताकि ये लॉकडाउन, जीवनभर याद रहे
रघुनाथ ने कहा, “हम तीन हफ्तों से प्रतिबंध देख रहे हैं। परेशानियां भी हैं। बच्चे का नाम लॉकडाउन इसलिए रखा ताकि हमें यह दौर जीवनभर याद रहे। पत्नी ने सोमवार 6 अप्रैल को बच्चे को जन्म दिया। जन्म प्रमाण पत्र में बच्चे का नाम लिखवाना होता है। हम दोनों ने बेटे को लॉकडाउन नाम देने का फैसला किया।”
उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को कोरोना वायरस से बचाने के लिए 21 दिन के बंद का आह्वान किया था। देश संकट के इस समय में एकजुट है। इस घटना को यादगार के तौर पर सहेजने के लिए हमने अपने बेटे का नाम लॉकडाउन रखा। रघुनाथ ने कहा हम और हमारी पत्नी मंजू इस नाम से बहुत खुश हैं।”
ये पहला मामला नहीं है जब बच्चे का नाम इस तरह से रखा गया हो। इससे पहले छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी हो चुका है। जहां एक दंपति ने अपने जुड़वा बच्चों का नाम ‘कोरोना’ और ‘कोविड’ रखा था। ऐसा नाम क्यों रखा जाने पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए दंपति ने कहा था कि लॉकडाउन के चलते डिलीवरी में बहुत मुश्किलें आईं। वो इस समय को नहीं भूल सकते।
इसलिए वो इसे यादगार बनाना चाहते थे। अपने जुड़वा बच्चों के नाम कोविड और कोरोना रखे। पिता ने बताया कि दोनों बच्चों का जन्म 26 मार्च की देर रात हुआ। देश में कोरोना के कारण लॉकडाउन चल रहा है। बच्चों के जन्म के बाद आसपास के लोग और अस्पताल के लोग बच्चों को कोरोना और कोविड बुलाने लगे। जिसे देखते हुए मैंने लड़की का नाम कोरोना और लड़के का नाम कोविड रखा।