झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है। चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री सोरेन की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश राज्यपाल रमेश बैस को भेजी है।जिसके बाद माना जा रहा है कि, राज्यपाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द कर सकते हैं।
दरअसल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अपने पद का लाभ लेने का आरोप है। आरटीआई कार्यकर्ता शिवशंकर शर्मा ने दो जनहित याचिकाएं दायर कर सीबीआई और ईडी से माइनिंग घोटाले की जांच कराने की मांग की थी। इस दौरान उन पर आरोप लगा कि,मुख्यमंत्री सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग कर स्टोन क्यूरी माइंस अपने और आपने भाई के नाम आवंटित करवा ली है। इसके अलावा परिवार पर शैल कंपनी में निवेश कर संपत्ति अर्जित कर करने का भी आरोप लगा है। इन आरोपों के बाद भाजपा ने उन्हें भ्रष्ट बताते हुए, ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 A का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी,क्योंकि राज्य की कैबिनेट में खनन-वन मंत्री का पदभार मुख्यमंत्री सोरेन के पास ही है। इस मामले में 18 अगस्त को सुनवाई पूरी हो गई थी। लेकिन अब इस मामले में निर्वाचन आयोग ने अपनी राय राज्यपाल को भेजी है।
गौरतलब है कि,यह मामला सामने आने के बाद झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा अब उनके विकल्प पर भी चर्चा कर रही है। माना यह जा रहा है कि,अगला मुख्यमंत्री भी उनके परिवार से ही होंगे।