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होटल व्यवसायी की हत्या की कोशिश में, छोटा राजन दोषी करार

करीब दो दशक से भारतीय पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार रहने वाला अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को मुंबई की एक विशेष अदालत ने उसके  सहित छह आरोपियों को दोषी  करार दिया है। भारत में अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के बाद बड़े गैंगस्टरों में दूसरे नंबर पर छोटा राजन का ही नाम आता है. वह लंबे समय तक डी कंपनी के साथ काम करता रहा

अक्टूबर, 2012 में होटल व्यवसायी बी.आर. शेट्टी की हत्या की कोशिश के मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन और पांच अन्य लोगों को दोषी करार दिया गया है। छोटा राजन के खिलाफ चल रहे मुकदमों के लिए गठित विशेष मकोका अदालत ने यह फैसला सुनाया है। इन्हें आपराधिक षड्यंत्र, हत्या, के प्रयास और 2012 के बीआर शेट्टी होटलयर शूट आउट मामले में हथियार अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है।  मुंबई अपराध शाखा ने आरोप पत्र दायर किया था। उसकी सजा की अवधि को लेकर आज शाम तक सुनवाई होगी ।

दो दशक से भारतीय पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार रहने वाला अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन फर्जी पासपोर्ट केस में तिहाड़ जेल में 7 साल की सजा काट रहा है।  कभी दाऊद इब्राहिम की पनाहों में रहने वाला छोटा राजन अब उसका जानी दुश्मन बन चुका है. मुंबई हमलों के बाद छोटा राजन के अलग होने से नाराज दाऊद लगातार उसे मारने की फिराक में रहा है, लेकिन कामयाब नहीं हो सका. यही वजह है कि छोटा राजन आसानी से गिरफ्तार हो गया था। 25 अक्टूबर, 2015 को इंडोनेशिया के बाली में छोटा राजन को गिरफ्तार किया गया था. यह ऑपरेशन सीबीआई, इंटेलीजेंस यूनिट, मुंबई क्राइम ब्रांच, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया पुलिस के साथ इंटरपोल के सफल कोऑर्डिनेशन के जरिए सफल हो सका था. इसके बाद उसे भारत लाकर तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया। इसके बाद दाऊद उसे जेल में ही मारने की साजिश रचने लगा था। कुख्यात  दिल्ली के गैंगस्टर नीरज बवाना के जरिए वह उसे जेल में मारने की योजना बना रहा था। इसके पहले की इस योजना को योजना अमली जामा पहनती  उसका प्लान लीक हो गया. खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गईं और छोटा राजन की सुरक्षा चाक चौबंद कर दी गई. नीरज बवाना को भी छोटा राजन से अलग तन्हाई बैरक में डाल दिया गया. दरअसल, डीकंपनी के गुर्गे और नीरज बवाना के एक साथी के बीच हुई बातचीत को सुरक्षा एजेंसियों ने इंटरसेप्ट कर लिया. इससे पता चला कि डीकंपनी छोटा राजन को मरवाना चाहती है. नीरज बवाना के गुर्गों के जरिए इस साजिश को अंजाम दिया जाना था।

इसी साल जून में दाऊद के खास छोटा शकील के गुर्गे जुनैद चौधरी को गिरफ्तार किया था. उससे पूछताछ में खुलासा हुआ किया कि उसे इस्लामिक स्कॉलर तारिक फतेह और छोटा राजन की सुपारी दी गई थी. उसने बताया था कि साजिश के तहत तारिक फतेह की हत्या करने के बाद उसे तिहाड़ जेल भेज दिया जाता, जहां वह छोटा राजन को भी मार डालता. लेकिन उसके खौफनाक मंसूबे कामयाब हो पाते उससे पहले ही दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।भारत आने से पहले विदेश में भी दाऊद और छोटा राजन गैंग के बीच कई बार टकराव भी हुए थे. जानलेवा हमलों की खबरें भी आईं, लेकिन वह पुलिस और दाऊद की नजरों से बचता रहा. हमेशा वीओआईपी के जरिए कॉल करने वाले छोटा राजन ने 24 अक्टूबर, 2015 को व्हाट्सएप के जरिए अपने एक शुभचिंतक को फोन किया, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने टेप कर लिया था. फोन पर छोटा राजन ने कहा था कि वह ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षित नहीं है. बहुत जल्द  यहां से निकल जाएगा।

छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे है. उसे प्यार से ‘नाना’ या ‘सेठ’ कहकर भी बुलाते हैं. उसका जन्म 1960 में मुंबई के चेम्बूर की तिलक नगर बस्ती में हुआ था. महज 10 साल की उम्र में उसने फिल्म टिकट ब्लैक करना शुरू कर दिया. इसी बीच वह राजन नायर गैंग में शामिल हो गया. जुर्म की दुनिया में नायर को ‘बड़ा राजन’ के नाम से जाना जाता था. यह नायर का दाहिना था, इसलिए लोग इसे ‘छोटा राजन’ कहने लगे।बड़ा राजन की मौत से बाद छोटा राजन ने पूरे गैंग की कमान संभाल ली, इसी दौरान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से इसका संबंध बन गया. दोनों एक साथ मिलकर मुंबई में वसूली, हत्या, तस्करी और फिल्म फाइनेंस का काम करने लगे. 1988 में वह दुबई चला गया. इसके बाद दाऊद और राजन मिलकर भारत ही नहीं पूरी दुनिया में गैर-कानूनी काम करने लगे. मुंबई में उनकी तूती बोलने लगी. लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा हुआ, जिसने उनको अलग कर दिया।

भारत में अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के बाद बड़े गैंगस्टरों में दूसरे नंबर पर छोटा राजन का ही नाम आता है. वह लंबे समय तक डी कंपनी के साथ काम करता रहा. लेकिन बाबरी कांड के बाद 1993 में मुंबई बम ब्लास्ट ने राजन को दहला दिया. जब उसे पता चला कि इस कांड में दाऊद का हाथ है, तो वह उसका दु्श्मन बन बैठा. उसने खुद को दाऊद से अलग करके नया गैंग बना लिया. तब दोनों एक-दूसरे के जानी-दुश्मन बन बैठे।

मुंबई ब्लास्ट के बाद दाऊद और राजन ने भारत छोड़ दिया. इस दौरान दोनों एक-दूसरे को मारने का प्लान बनाते रहे. दाऊद ने छोटा राजन पर कई बार जानलेवा हमला करवाया, लेकिन वह बचता रहा. राजन पर हमले की बड़ी साजिश दुबई में दाऊद के खास शूटर शरद शेट्टी के घर में रची गई. साल 2000 में पिज्जा डिलीवरी ब्वॉय बनकर आए दाऊद के लोगों ने बैंकॉक के एक होटल में राजन पर हमला कर दिया।छोटा राजन पर कई राउंड फायरिंग की गई, लेकिन वह वहां से बचकर भाग निकला. कहा जाता है कि छोटा राजन को बचाने में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का भी हाथ था. हालांकि, इसे खुद राजन इस बात से इंकार करता है. बैंकॉक में हुए हमले का उसने बदला लिया. उसका हवाला कारोबार संभालने वाले उसके भाई रवि और विमल ने 2003 में दुबई के एक क्लब में छोटा शकील के खास शरद शेट्टी की हत्या कर दी थी।

अप्रैल, 2014 में बड़ी तेज़ी से एक खबर उड़ी थी. खबर ऐसी थी कि पूरे अंडरवर्ल्ड के साथ-साथ खुद पुलिस भी सकते में रह गई. कहा गया कि अंडरवर्ल्ड डॉन और डी कंपनी के जानी दुश्मन छोटा राजन की मौत हो गई है. ये भी बताया गया कि छोटा राजन की किडनी पहले से ही खराब थी. डायलसिस के दौरान उसकी हालत और खराब हो गई जिससे उसकी जान चली गई,ये अफ़वाए फैलाई गई थी।

भारत में छोटा राजन पर 65 से ज्यादा आपराधिक केस दर्ज है. राजन नायर गैंग में रहते हुए उसके खिलाफ पहले से अवैध वसूली, धमकी, मारपीट और हत्या की कोशिश के मामले दर्ज थे. दाऊद के साथ आने के बाद उसका क्राइम ग्राफ बढ़ गया. भारत में उसके खिलाफ 20 से ज्यादा लोगों की हत्या के केस दर्ज हैं। 2011 में मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या में भी उसका हाथ माना जाता है। मुंबई के अंडरवर्ल्ड में दाऊद और छोटा राजन के गैंग के बीच कई बार टकराव भी हुए. इस दौरान उस पर कई बार जानलेवा हमलों की खबरें आईं. कई वर्षों तक विदेश में छिपे छोटा राजन को साल 2015 में इंडोनेशिया से गिरफ्तार किया गया था।और उसे भारत वापस लाया गया। तब से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। छोटा राजन को पिछले साल जे डे हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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