नई शिक्षा नीति के तहत देश की शिक्षा नीति में कई अहम बदलाव हो रहे हैं। जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक बड़ा बदलाव किया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित कर दिया है कि अब किसी भी बच्चे को 6 साल की उम्र से पहले कक्षा 1 में दाखिला नहीं दिया जाएगा। यह एक बड़ा बदलाव है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक बच्चों की शुरुआती 5 साल की उम्र उनकी पढ़ाई और बेसिक स्टेज होती है।
पहले क्या था नियम
पिछले साल मार्च में लोकसभा में एक प्रश्न पर दी गई जानकारी के मुताबिक देश के अलग-अलग राज्यों में प्रथम श्रेणी में प्रवेश की उम्र अलग-अलग है। इस बीच कहा गया कि देश में 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां बच्चों को 6 साल की उम्र से पहले पहली कक्षा में प्रवेश लेने की अनुमति है। गुजरात, तेलंगाना, लद्दाख, असम और पुडुचेरी ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं जहां 5 साल के बच्चों को भी पहली कक्षा में प्रवेश दिया जाता था।
इसके साथ ही लोकसभा में ही दी गई जानकारी में कहा गया है कि राजस्थान, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, कर्नाटक, गोवा, झारखंड और केरल जैसे राज्यों में कक्षा प्रथम में प्रवेश लेने के लिए बच्चों की न्यूनतम आयु 5 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। 28 मार्च, 2022 को जब शिक्षा मंत्रालय ने लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की, तो उसने कहा कि नए राष्ट्रीय शिक्षा के अनुसार प्रथम श्रेणी में प्रवेश की आयु का पालन न करने के कारण विभिन्न राज्यों में शुद्ध नामांकन अनुपात का मापन प्रभावित हो रहा है।
इस दिशा में नई शिक्षा नीति के तहत विभिन्न बदलाव व नए कार्य किए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब बच्चों के लिए नई अध्ययन सामग्री जारी की गई है। जिसे ‘मैजिक बॉक्स’ नाम दिया गया था। इस ‘मैजिक बॉक्स’ को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लॉन्च किया। हालाँकि, वर्तमान में ‘मैजिक बॉक्स’ नींव स्तर के बच्चों के लिए है। यह मैजिक बॉक्स प्राथमिक स्तर के बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि और झुकाव बढ़ाने में मददगार साबित होगा। इस बॉक्स में बच्चों के लिए खिलौने, कठपुतली, मातृभाषा में रोचक कहानियां उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा मैजिक बॉक्स में खेलकूद, चित्रकला, नृत्य और संगीत आधारित शिक्षा भी शामिल होगी।