किसान आंदोलन के बढ़ते प्रभाव से केंद्र सरकार ने दवाब की राजनीति बनानी शुरू कर दी है। जिसके तहत आंदोलनकारी किसानों और पंजाब के आढ़तियों पर ईडी और इन्कमटैक्स के छापे डलवाए जा रहे है। यही नहीं बल्कि पंजाबी गायक गुरु रंधावा तक पर छापे पड़वाए गए है। जिनका विपक्ष ने पुरजोर विरोध किया है। जबकि दूसरी तरफ आढ़तियों की यूनियन ने चार दिन की हड़ताल कर दी है।
गौरतलब है कि सिंधु बॉर्डर पर कड़ाके की ठंड के बावजूद आंदोलनकारी किसान प्रदर्शन स्थल पर जमे हुए हैं। किसान अब भूख हड़ताल पर हैं। साथ ही किसान संगठन कानून वापस लेने के लिए एनडीए के सहयोगी दल से मिलेंगे। यही नहीं बल्कि आज 23 दिसंबर को किसान दिवस पर देश के किसान दोपहर का भोजन नहीं बनाएंगे 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे। पंजाब में 10 से अधिक आढ़तियों के घर पर आयकर विभाग की छापेमारी की कार्रवाई पर आढ़तियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। छापों के विरोध में फैडरेशन ऑफ आढ़ती एसोसिएशन ने एक हाईपावर कमेटी की बैठक की। बैठक में तय किया गया कि आयकर विभाग के छापों के विरोध में पंजाब में चार दिन मंडियां बंद रखी जाएंगी। साथ ही जहां भी आयकर विभाग के छापे पड़ेंगे, वहां पर जाकर घर के बाहर आढ़ती धरना देंगे और छापे का कारण भी पूछेंगे।
उधर दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर आंदोलन में किसानों और उनकी मदद करने वाले लोगों के घरों पर छापे की कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के जो व्यापारी किसानों को संघर्ष में मदद कर रहे हैं, उनके खिलाफ केंद्र सरकार इनकम टैक्स के छापे डलवा रही है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को इस तरह परेशान करना गलत है। केंद्र सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि आंदोलन को कमजोर करने के लिए यह सब किया जा रहा है। आज पूरा देश किसानों के साथ खड़ा है। ऐसे में सरकार किस-किस के घरों पर छापे की कार्रवाई कराएगी
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करने वाले कमीशन एजेंटों के खिलाफ केंद्र ने डराने-धमकाने की रणनीति बनाई है । जिसके तहत आयकर और ईडी से छापे डलवाए जा रहे है। केंद्र द्वारा दवाब की राजनीति से प्रेरित आयकर छापों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों और स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए स्पष्ट दबाव वाली रणनीति करार देते हुए कहा कि ये दमनकारी कार्रवाई सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट है कि किसानों को ‘काले’ खेत कानूनों के खिलाफ लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने, गुमराह करने और विभाजित करने में विफल रहे, केंद्र सरकार अब ‘अर्धसैनिकों’ को लक्षित करके उनके संघर्ष को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।