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CBSE 12वीं की परीक्षा को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें आमने-सामने

देश में एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है तो दूसरी तरफ देश के छात्रों का भविष्य बीच में अटका हुआ है। सीबीएसई के 12वीं के एग्जाम को लेकर केंद्र सरकार औऱ राज्य सरकारें आमने-सामने आ चुकी है। केंद्र छात्रों के एग्जाम को जुलाई या अगस्त में करवाने पर डटी हुई है। तो वहीं दिल्ली और महाराष्ट्र की सरकारें इस बात को लेकर अड़ी हुई है कि बिना वैक्सीनेशन किए छात्रों को एग्जाम के लिए न बुलाए।

छात्रों ने लिखा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र

इसी बाबत सीबीएसई के 12 क्लास के लगभग 300 छात्रों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखा है। पत्र में छात्रों ने मांग की है कि उनके एग्जाम रद्द किए जाए। इसके साथ ही छात्रों ने अपने पत्र एक सुझाव भी दिया है। छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से सरकार को असेसमेंट का वैकल्पिक तरीका तय करने का निर्देश देने की अपील की है। पत्र में छात्रों ने लिखा कि कोरोना काल में कई छात्रों ने अपने माता-पिता को खोया है। ऐसे समय में फिजीकल परीक्षा करवाना छात्रों, टीचर और हमारे परिवार के लिए खतरा हो सकती है।

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल रविवार 23 मई एक राष्ट्रीय परामर्श में कहा था कि केंद्र सरकार इस साल कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के बारे में राज्यों से प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है। पोखरियाल ने अपने संबोधन में कहा कि परीक्षा का परिणाम प्रत्येक छात्र के जीवन को प्रभावित करता है और शिक्षा में उनका भविष्य तय करता है। शिक्षामंत्री ने जोर देकर कहा कि छात्रों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, उन्होंने “विश्वसनीय मूल्यांकन” के बिना छात्रों को बढ़ावा देने के नुकसान पर भी जोर दिया।

दिल्ली के उप मुख्मंत्री ने लिखी रमेश पोखरियाल को लिखा पत्र

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि बिना वैक्सीनेशन के 12वीं के स्टूडेंट्स को एग्जाम के लिए न बुलाया जाए। वहीं सिसोदिया ने पत्र में कहा कि छात्रों को बिना वैक्सीनेशन के परीक्षा के लिए न बुलाया जाय।

उन्होंने कहा कि कोवैक्सिन या कोवीशील्ड 17 से अधिक आयु वर्ग के बच्चों को दी जा सके, इसके लिए केंद्र सरकार एक्सपर्ट्स से राय ले। इसके लिए केंद्र को फाइजर कंपनी से भी बात करनी चाहिए।

सीबीएसई, आईसीएसई व विभिन्न राज्य शिक्षा बोर्डों की 12वीं कक्षा की परीक्षा पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्री समूह व राज्यों की बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका।

अधिकांश राज्यों ने कहा कि 12वीं की परीक्षा आयोजित करना महत्वपूर्ण है, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के थमने और स्थिति में सुधार के बाद ही सितंबर तक परीक्षाएं हों।

 

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