दिवाली जैसे त्यौहार पर घरों और दफ्तरों की सफाई तो होती ही है। इस मौके पर निकलने वाले कबाड़ को बेच कर लोगों को कुछ पैसे भी मिल जाते हैं । इसी प्रकार केंद्र सरकार ने भी दीवाली के मौके पर अपने सभी विभागों और दफ्तरों की सफाई की जिससे निकलने वाले कूड़े को बेच कर केंद्र ने करीब 2 सौ 54 करोड़ रुपए कमाए।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि दिवाली से पहले सफाई का यह अभियान तीन सप्ताह तक चला। इससे निकले कबाड़े को बेच दिया गया, जिसमें ढाई सौ करोड़ से ज्यादा की रकम मिल गई। इसके अलावा 37 लाख वर्ग फुट जमीन भी खाली हुई है। इस बड़ी भूमि पर तमाम कबाड़ रखा हुआ था और अब इस जमीन का कुछ और कामों के लिए इस्तेमाल हो सकेगा ।
*केंद्रीय विभागों में अभी भी जारी है, सफाई अभियान*
केंद्रीय सरकार के विभागों में दीवाली के हफ्ते पहले से शुरू किया गया सफाई अभियान अभी भी जारी है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सभी विभाग 31 अक्टूबर तक सफाई अभियान चला रहे हैं। इसके तहत बेकार पड़ी फाइलों और अन्य सामग्री को बेचा जा रहा है, जिसका अब कोई इस्तेमाल नहीं है। इसके अलावा ऐसी चीजों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनसे पर्यावरण सही बना रहे। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में स्वच्छता अभियान जनांदोलन का रूप ले चुका है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस सफाई अभियान के दौरान सभी कामों को तेजी से निपटाया गया है। जिसमें कुल 40 लाख फाइलों की समीक्षा की गई। 3 लाख से ज्यादा शिकायतों का निपटारा किया गया। इसके अलावा 5 सौ 88 नियमों में ढील दी गई।
*स्वच्छता को मिला बढ़ावा*
केंद्रीय दफ्तरों में चलाए गए इस सफाई अभियान से आर्थिक लाभ तो हुआ ही है, लेकीन इससे बड़ी बात यह है की स्वच्छता को बढ़ावा मिला है ।
स्वच्छता को बढ़ावा देने पर्यावरण सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं । जिनमें सबसे महत्वपूर्ण कदम स्वच्छ भारत अभियान है। जिसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन का आरंभ किया था। मिशन के तहत, भारत में सभी गांवों, ग्राम पंचायतों, जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ग्रामीण भारत में 100 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण करके 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक स्वयं को “खुले में शौच से मुक्त” (ओडीएफ) घोषित किया।