सुप्रीम कोर्ट से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। इस प्रोजेक्ट के तहत संसद की नई इमारत का निर्माण हो रहा है.| इसके खिलाफ कई याचिकाएं दायर हुई थीं |कोर्ट ने पर्यावरण कमेटी की रिपोर्ट को भी नियमों को अनुरुप माना है.| कोर्ट ने लैंड यूज चेंज करने के इल्जाम की वजह से सेंट्रल विस्टा की वैधता पर सवाल खड़े करने वाली याचिका को फिलहाल लंबित रखा है.|
इस मसले पर जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने 2-1 के बहुमत से यह फैसला सुनाते हुए कहा कि पीठ सरकार को इस योजना के लिए मंजूरी दे रही है। जस्टिस खानविलकर और जस्टिस माहेश्वरी ने 2-1 के बहुमत से दिए फैसले में केंद्र सरकार के डीडीए ऐक्ट के तहत इस परियोजना को सही ठहराया। वहीं, जस्टिस संजीव खन्ना बहुमत से अलग रहे। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हम सेंट्रल विस्टा परियोजना को मंजूरी देते समय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दी गई सिफारिशों को बरकरार रखते हैं,सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को प्रदूषण से निपटने के लिए स्मॉग टावर लगाने को भी कहा है।