देश की राजधानी दिल्ली में एक बड़ा हादसा होने से टल गया, लेकिन बड़ी चिंताएं खड़ी कर गया है। सवाल छोड़ गया है कि यदि इसमें कोई हताहत होता तो जिम्मेदारी किसकी होती? 7 अगस्त को सीएम अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित सीएम आवास की छत का एक हिस्सा ढह गया। शुक्र है कि उस समय वहां कोई मौजूद नहीं था। कहा जाता है कि यह इमारत 80 साल पुरानी है। सीएम केजरीवाल अपने आवास के इस हिस्से का इस्तेमाल एक चैंबर के रूप में करते थे और यहां अक्सर महत्वपूर्ण बैठकें होती थीं। छत के गिरने के बाद, पीडब्ल्यूडी ने इस घर की समीक्षा शुरू कर दी है, ताकि इसकी मरम्मत की जा सके।
दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास की छत मूसलाधार बारिश के कारण ढह गई। अरविंद केजरीवाल ने पिछले कुछ महीनों में इस कमरे में कई बैठकें की थीं। कई बैठकें, विशेष रूप से कोरोना अवधि के दौरान की गई थी। एक अधिकारी ने कहा कि जब केजरीवाल के कमरे की छत ढही तो तब कोई भी कमरे में नहीं था। लगातार मूसलाधार बारिश के कारण कमरे का यह हिस्सा ढह गया।
इस बीच दिल्ली में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने केजरीवाल के आवास पर घटना की जानकारी ली। उन्होंने एक बार फिर इस निवास के निर्माण का निरीक्षण किया। इस संबंध में एक रिपोर्ट जल्द ही सौंपी जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 2015 में इस निवास पर रहने आए थे। यह निवास 1942 में बनाया गया था। इस निवास में रहने से पहले, अरविंद केजरीवाल तीन बीएचके फ्लैट में रह रहे थे। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित हालांकि निवास में नहीं रहीं। वह मोतीलाल नेहरू मार्ग पर अपने निवास पर रह रही थी।