देश को झकझोर कर देने वाले बहुचर्चित उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप मामले में कई मोड़ आये। इस मामले से जुड़े एक आरोपी से कई -कई बार पूछताछ हो चुकी है। जबकि शुरुआत में चर्चा थी कि सीबीआई पन्द्रह दिन के अंदर अपनी जांच पूरी कर लेगी, लेकिन जिस तरह से इस मामले में एक के बाद एक खुलासे हुए उसके बाद अब जाकर इस कथित गैंगरेप और हत्याकांड में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आज 18 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल कर दी है।
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इस मामले की आईओ सीमा पाहुजा और सीबीआई के अफसर आज हाथरस जिला कोर्ट पहुंचे। सीबीआई ने एससी/एसटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई ने 22 सितंबर को दिए गए पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की है और निर्णय कोर्ट के पर छोड़ दिया है।
क्या है पूरा मामला
हाथरस कांड की पीड़िता 14 सितंबर को अपने गांव के ही खेत में गंभीर हालत में मिली थी। बाद में उसे अलीगढ़ के अस्पताल और उसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पीड़िता ने अपने ही गांव के चार लड़कों पर गैंग रेप का आरोप लगाया था, जिसके बाद लोकल पुलिस ने सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
लड़की की मौत के बाद देशभर में प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान यूपी पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दावा किया था कि पीड़िता के साथ गैंग रेप नहीं हुआ। यूपी पुलिस के इस बयान के बाद कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई थी। इस मामले में योगी सरकार ने एसआईटी भी बनाई थी, जिसने जांच के बाद रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
इस मामले में योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद सीबीआई ने जांच संभाली और कई बार पीड़िता के परिवार से पूछताछ के अलावा अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों से भी पूछताछ हो चुकी है। आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट और ब्रेन मैपिंग भी किया जा चुका है। अब सबकी निगाहें सीबीआई की जांच रिपोर्ट पर हैं ।