याद कीजिए 29 सितंबर को यूपी का हाथरस कांड। इस दिन गैंगरेप का शिकार हुई हाथरस की एक दलित बेटी ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इसके बाद पुरे देश में बवाल मच गया था। इस जघन्य कांड में यूपी पुलिस की काफी थू – थू हुई थी। तब योगी सरकार ने दरिंदो का पक्ष लिया और कहा था कि दलित लड़की के साथ गैंगरेप नहीं हुआ था। 14 सितंबर को हाथरस में बालिका के साथ गैंगरेप हुआ था। लेकिन 6 अक्टूबर को इस मामले में यूपी सरकार ने यह कहकर मामले की लीपापोती करनी चाही कि फोरेंसिक रिपोर्ट में साफ हो गया है मृतक लड़की के साथ रेप नहीं हुआ है।
इस मामले में जब विपक्ष द्वारा पूरे देश में उत्तर प्रदेश सरकार की घेराबंदी की गयी तो 11 अक्टूबर को सीबीआई जाँच शुरू की गयी। जिसमे अब सीबीआई ने चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। 2000 पेज की चार्जशीट में सीबीआई ने स्पष्ट किया है कि पीड़िता गैंगरेप का शिकार हुई थी। चारों आरोपियों ने हत्या करने से पहले दलित युवती के साथ गैंगरेप किया था। सीबीआई ने यह चार्जशीट 22 सितंबर को मौत से पहले पीड़िता के बयानों के आधार पर जारी की है। सीबीआई की इस चार्जशीट के सामने आने से यूपी सरकार कठघरे में खड़ी दिखाई दे रही है।
हालाँकि इस मामले में न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 27 जनवरी तय की है। उस दिन हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार और पुलिस अधिक्षक रहे विक्रांत वीर को न्यायालय में भी तलब किया गया है। तब पीड़ित परिवार भी कोर्ट में मौजूद होगा। दूसरी तरफ यह भी बताया जा रहा है कि यूपी सरकार द्वारा घोषणा के बाद भी अभी तक पीड़ित परिवार को मकान और नौकरी देने के बारे में कोई आदेश नहीं दिया गया है।
गौरतलब है कि इस मामले की सीबीआई ने 11 अक्टूबर को जांच शुरू की थी। जांच के दौरान पीड़ित और आरोपियों के परिजन समेत 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है। घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने का दावा करने वाले चश्मदीद छोटू से भी कई बार पूछताछ की गई। क्राइम सीन के री-क्रिएशन के साथ घटनास्थल का नक्शा भी बनाया गया।
याद रहे कि दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर को पीड़ित की मौत के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस रात में ही उसका शव गांव ले गई थी। वहां परिवार की गैरमौजूदगी में पुलिस ने गुपचुप तरीके से पीड़ित का अंतिम संस्कार कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। जिसे केंद्र सरकार ने तत्काल संस्तुति दे जांच आरंभ करा दी थी।