उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए आवारा मवेशी लगतार एक बड़ा संकट बनते जा रहे हैं। हर साल इन मवेशियों द्वारा फसल बर्बाद किये जाने की वजह से सैकड़ों किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है। जिसके कारण किसानों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ता है। लेकिन अब किसानों को इन मवेशियों से डरने की जरुरत नही है क्योंकि अब उत्तर प्रदेश सरकार इन मवेशियों पर लगाम कसने की तैयारी में जुट गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने आवारा पशुओं से फसलों को बचाने के लिए एक शानदार प्रस्ताव बनाया है। सरकार का दावा है कि इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद काफी हद तक आवारा पशुओं के आतंक पर लगाम लगाई जा सकती है और साथ ही फसल की बर्बादी को भी काफी हद तक रोका जा सकता है।
सरकार के प्रस्ताव के अनुसार अब खेतों में सोलर एनर्जी से संचालित होने वाले सोलर फेंसिंग लगाए जायेंगे। साथ ही सरकार आवारा मवेशियों के आतंक को कम करने के लिए खेतों की तारबंदी करेगी। इन तारबंदीयों में हर वक्त 6 से 10 वाट का करंट बहता रहेगा जिसकी सप्लाई खेत में लगे सोलर पावर से होगी। इसके लिए योगी सरकार किसानों को भारी सब्सिडी दे सकती है। जिससे किसानों को ये फायदा होगा कि सोलर पावर और तारबंदी करने पर जितनी भी लागत आएगी उसका आधा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायगा।
मवेशियों को नहीं होगा नुकसान
अगर सरकार द्वारा लाया गया यह प्रस्ताव लागू हो जाता है तो सोलर फेंसिंग लगाने से किसानों को काफी फायदा होगा। इन तारों में करंट तो होगा पर इससे मवेशियों को भी कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि इन फेंसिंग से टच होते ही मवेशियों को केवल एक मामूली करंट लगेगा। देखा जाये तो यूपी में फसलों को मवेशियों से बचाने के लिए इससे पहले भी किसानों ने इन करंट वाले तारों का प्रयोग किया है। लेकिन कटीले तारों की फेंसिंग में करंट की सप्लाई करना प्रतिबंधित है। क्योंकि इसमें फैले करंट के कारण हजारों मवेशी घायल हो जाते थे या उनकी मृत्यु हो जाती थी।
क्या कहता है आंकड़ा
नियम के अनुसार हर 5 वर्ष में देश में पशुधन जनगणना होती है, जो आखिरी बार साल 2019 में की गई। जिसके अनुसार तत्कालीन वर्ष में वर्ष 2012 की पशुधन जनगणना के अनुसार कुछ हद तक गिरावट दर्ज की गई पर यह आंकड़ा इतना अच्छा नहीं था। साल 2012 में कुल पशुधन की संख्या 68.7 मिलियन थी जो साल 2019 में घटकर 67.8 मिलियन हो गई।