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मनुष्य की हवस का शिकार बनते मवेशी

  •      वृंदा यादव

पिछले कुछ समय से देश के अलग-अलग राज्यों से ऐसे मामले आ रहे हैं जिसमें हवस की आग में अंधे लोग बेजुबान जानवरों को अपना शिकार बना रहे हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बर्रा इलाके से सामने आया है

देश में बलात्कारों के मामलों की संख्या कुछ वर्षों से चिंता का विषय बनी हुई है। आंकड़ों के अनुसार साल 2022 में भारत में हर दिन 6 रेप के मामले दर्ज किए गए थे। जो सरकार और देशवासियों के लिए काफी शर्मनाक है। लेकिन मनुष्य में अब यह हैवानियत इस हद तक बढ़ गई है कि वह इंसान और जानवर के बीच का अंतर ही भूल गया है। यही कारण है कि पिछले कुछ समय से इंसानों ही नहीं जानवरों के साथ होने वाले दुष्कर्म और बलात्कार के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। यह बात सुनने में अजीब लगती है, मगर यह सच है।

हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बर्रा इलाके से स्थानीय पुलिस ने कथित तौर पर जानवरों का बलात्कार करने वाले एक बुजुर्ग को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि इस व्यक्ति ने गाय और कुतिया सहित कई अन्य जानवरों के साथ दुष्कर्म किए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर के पुलिस उपायुक्त रवींद्र कुमार का कहना है कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान विजेंद्र मिश्रा के नाम से हुई है जिसकी उम्र 62 साल है। घटना की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 में मामला दर्ज किया गया है। स्थानीय पुलिस का कहना है कि इस व्यक्ति के खिलाफ पहले भी ऐसे कई मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी के अनुसार पुलिस जांच के दौरान उन्हें कई सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, जिसमें मिश्रा सार्वजनिक स्थानों पर विभिन्न जानवरों का यौन शोषण करता नजर आ रहा है। आरोपी को पहली बार देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि वह मानसिक रोगी है इसलिए आरोपी पर कोई कार्रवाई शुरू करने से पहले उसकी चिकित्सा जांच कराने का निर्णय लिया गया है।

पहले भी दर्ज कराए गए हैं मुकदमे

बकरी के साथ दुष्कर्म : पिछले महीने 11 जून को मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में बकरी के साथ दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया था। जहां दो लोगों ने एक बकरी का बलात्कार किया। इस घटना को पशु क्रूरता मामले से जोड़ा गया था। मामले की जांच कर रहे अधिकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता रोहित केवट ने पुलिस को सूचना दी थी कि जब वे अपनी बकरियां चराने के लिए निकले तो अचानक उन्होंने देखा कि 1 बकरी गायब थी। तभी उसे 1 जानवर के जोर से रोने की आवाज आई। जिसे सुनकर जब वह घटना स्थल पहुंचा तो देखा कि 2 लोग बकरी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बना रहे हैं जिसके बाद उन दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 377, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया।

आठ लोगों द्वारा बकरी का सामूहिक बलात्कार : साल 2018 में हरियाणा के मेवात जिले में जानवरों के साथ दुर्व्यवहार का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया जहां कथित तौर पर आठ लोगों द्वारा बलात्कार किए जाने के बाद एक गर्भवती बकरी की मौत हो गई। यह घटना उस क्षेत्र में हुई जहां महिलाओं के खिलाफ हिंसक यौन हमले आम हैं। स्थानीय पुलिस ने इन सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत मामला दर्ज किया। बकरी के मालिक ने पुलिस को घटना की जानकारी देते हुए बताया था कि रात के लगभग 11 बजे जब उसने कुछ शोर सुना और बाहर जाकर देखा कि कुछ लोग उनकी बकरी का यौन उत्पीड़न कर रहे थे। जिसके कारण उनकी बकरी घायल हो गई थी और जमीन पर पड़ी थी। वह चलने की हालत में भी नहीं थी। इसके बाद उन्होंने बकरी का इलाज करा के उसे बचाने का प्रयास किया लेकिन घटना के अगले ही दिन उसकी मौत हो गई।

क्या कहते हैं आंकड़े
मनुष्य की यह प्रवृत्ति है कि हर कोई अपने से कमजोर व्यक्ति को दबाता है। कई बार मनुष्यों की यह प्रवृत्ति बेजुबान जानवरों पर भी हावी हो जाती है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एनिमल प्रोटेक्शन ऑर्गेनाइजेशन (एफआईएपीओ) और ऑल क्रिएचर ग्रेट एंड स्मॉल (एसीजीएस) की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2010 से 2020 के बीच कुल 4 लाख 910 जानवर मनुष्यों द्वारा किए गए अपराधों के शिकार हुए थे। जिसमें से केवल यौन शोषण के पूरे 82 मामले दर्ज किए गए। 266 मामले नृशंस हत्या के, 400 से अधिक मामले पिटाई, यातना देने, एसिड फेंकने व अन्य हिंसक हमलों के कारण मारे गए। इसके साथ ही पिछले दस वर्षों में सड़क पर रहने वाले जानवरों के खिलाफ अपराध के 720 मामले, काम करने वाले जानवरों के खिलाफ 741 मामले, साथी जानवरों के खिलाफ 588 मामले, खेत जानवरों के खिलाफ 88 मामले और जंगली जानवरों और पक्षियों के खिलाफ 258 मामले शामिल हैं। ये व्यक्तियों द्वारा किए गए ऐसे मामले थे जिसके कारण लाखों जानवरों की मृत्यु हो गई।

जानवरों संग बलात्कार के कारण

जानवरों से बलात्कार के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें मानसिक स्वास्थ्य मुद्दे, जागरूकता की कमी, यौन विचलन आदि शामिल हैं –
मानसिक स्वास्थ्य : कई मामलों में देखा गया कि वे व्यक्ति जो जानवरों के साथ बलात्कार करते हैं, वे मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझ रहे होते हैं। जैसे व्यक्तित्व विकार या पैराफिलिस विकार।
जागरूकता की कमी : मनुष्यों में जानवरों के अधिकारों के प्रति जागरूकता की कमी में पशुओं के साथ किए जाने वाले यौन अपराधों का प्रमुख कारण बनता है। ऐसा अधिकतर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिलता है।
यौन विचलन : कुछ व्यक्ति जानवरों के साथ बलात्कार में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि कुछ लोगों में जानवरों के प्रति यौन आकर्षण अधिक होता है। मनुष्य की इस स्थिति को जोफिलिया कहा जाता है।
शक्ति और नियंत्रण : कई व्यक्ति किसी अन्य जीवित प्राणी पर शक्ति और नियंत्रण स्थापित करके उसे काबू में लाने के लिए जानवरों के साथ बलात्कार करते हैं।
सांस्कृतिक मान्यताएं : भारतीय संस्कृति में कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जानवरों के साथ दुर्व्यवहार या बलात्कार को प्रोत्साहित किया जाता है।

पशु दुर्व्यवहार के लिए कानून
भारत में पशुओं के साथ बलात्कार को लेकर अब तक कोई कानून नहीं बनाया गया है। लेकिन भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 377 के तहत पशुओं के साथ किया गया किसी भी प्रकार का दुष्कर्म अपराध माना जाता है।

भारतीय दंड संहिता, धारा 377 : इस धारा के अनुसार, एक आदमी और जानवर के बीच यौन संबंध एक संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है। इसे असामान्य या अप्राकृतिक अपराध के रूप में देखा जाता है। जो कोई भी प्राकृतिक व्यवस्था का उल्लंघन करते हुए किसी पुरुष, महिला या जानवर के साथ संभोग करेगा, उसे आजीवन कारावास या दस साल तक की जेल की सजा होगी, साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
भारतीय दंड संहिता, धारा 428 और 429 : इन धाराओं के अनुसार अगर कोई व्यक्ति जो जानवरों या मवेशियों को नुकसान पहुंचाने, घायल करने, मारने, जहर देने या अपंग करने के उद्देश्य से उन्हें नुकसान पहुंचाता है, घायल करता है, हत्या, या अपंग बनाता है। तो इस आरोप में उस व्यक्ति को 5 साल जेल या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

 

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