कॉलेजो में अक्सर आपने रैगिंग , उत्पीड़न , मानसिक तनाव के चलते छात्रों को आत्महत्या करने के मामले सुने होंगे। लेकिन इन सब के पीछे मानसिक परेशानी , जातीवाद , एग्जाम प्रसेर आदि कारणों को बताया गया है।
आईआईटी मद्रास में सुसाइड करने वाली छात्रा फातिमा लतीफ का ऐसा ही एक केस सामने आया है। मृतक छात्रा के पिता अब्दुल लतीफ ने आईआईटी मद्रास के एक असिस्टेंट प्रोफेसर पर फातिमा लतीफ का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया हैं। साथ ही केरल के मुख्यमंत्री से इंसाफ की गुहार लगाई है। हम आपको याद दिलाते हैं। फ़ातिमा लतीफ़, डॉक्टर पायल ताडावी, रोहित वेमुला – लिस्ट लंबी है, लेकिन इन नामों में एक बात है जो कॉमन है।ये उन छात्रों के नाम हैं, जो अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक के श्रेणी में आते हैं। पढ़ाई पूरी करने के लिए ये छात्र प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थान में पहुंचे, लेकिन अपना लक्ष्य हासिल करने से पहले ही इन्होंने आत्महत्या कर ली। जब इन छात्रों की आत्महत्या की ख़बरें ब्रेकिंग न्यूज़ बनी, तो मीडिया से कहा गया कि इसकी वजह परीक्षा में कम नंबर, ख़राब प्रदर्शन, कम अटेंडेंस और दिमाग़ी तनाव था।
लेकिन फ़ातिमा के पिता अब्दुल लतीफ़ ने आत्महत्या के लिए संस्थान के एक प्रोफेसर को ज़िम्मेदार बताया है और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। अब्दुल लतीफ ने कहा कि उनकी बेटी ने बताया था कि उसे एग्जाम के लिए पढ़ाई करना है। वह अपना मोबाइल स्विच ऑफ करने जा रही है। फ़ातिफा ने पहले यह साफ़ नहीं किया कि वह परेशान हैं। उनके दोस्तों ने भी इसको लेकर कुछ साफ-साफ नहीं बताया। वहीं, बाद में हॉस्टल के वॉर्डन ने परिवार को फातिमा के खुदकुशी की जानकारी दी।
इसके बाद जब परिजन चेन्नई पहुंचे और फातिमा की बहन आयशा लतीफ ने फोन को स्विच ऑन किया, तो उसमें एक मैसेज मिला मिला। इसमें लिखा था- ‘असिस्टेंट प्रोफेसर…मेरी मौत की वजह है। प्लीज मेरा सैमसंग नोट चेक करिए’। वहीँ पुलिस वालो ने इसे सुसाइड का केस दर्ज किया है। जबकि परिवार वालों का मानना है कि यह खुदकुशी नहीं हत्या है। इसके बाद से परिवार वाले इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। इसके बाद से यह मुद्दा गरमाया हुआ है।छात्र विरोध प्रदर्शन पर उतर आये है। फातिमा के साथ पढ़ने वालो ने भूख हड़ताल पर भी हैं। छात्र और परिवार वाले इस बात पर है कि फातिमा को न्याय मिले।