देश में जगह-जगह नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली का शाहीन बाग एक महीने से सीएए विरोध का प्रतीक बना हुआ है। वहीं प्रयागराज में कांग्रेस नेताओं ने विरोध का एक नया तरीका अपनाया है। यहां कांग्रेस नेता अपने पुरखों के कब्र पर जाकर रो रहें हैें और उनसे नागरिकता से जुड़े दस्तावेज़ मांग रहे हैं।
हसीब अहमद नामक एक कांग्रेस नेता ने यह अनोखा विरोध का नया रास्ता इजाद किया है। हसीब गुरूवार को अपने पुरखों के कब्र पर गए और रो-रो कर अपने भारतीय होने का सबूत मांगने लगे। हसीब अहमद ने कहा, “हमारे पास दस्तावेज नहीं हैं। लेकिन हम भारत में पीढ़ियों से रह रहे हैं। हमने अपने पूर्वजों से कहा कि इस बात का प्रमाण दें कि हम इस देश के नागरिक हैं। हमने सरकार से मांग की है कि अगर हमें डिटेंशन कैंप में भेजा जाएगा तो हमारे पुरखों के अवशेष भी वहां रखे जाएं।”
Haseeb Ahmad, Congress: We don't have documents but we've been living in India since generations.We're asking our ancestors to testify that we're citizens of this country.We urge the govt that if we're sent to detention camps then remains of our ancestors be kept there too.(21.1) https://t.co/CmvHfjbCtx pic.twitter.com/KfsvfHAe8J
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 24, 2020
उत्तर प्रदेश के कई शहरो में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। गुरुवार को वाराणसी में कई महिलाओं ने इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। कुछ ही दिन पहले लखनऊ के घंटाघर में भी महिलाएं धरने पर बैठी थीं जिसे पुलिस ने जबरन हटा दिया था। इतना ही नहीं उनसे कंबल भी छिन लिए थे।
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दूसरी तरफ देश के कई हिस्सों में सरकार समर्थक रैली भी निकल रहे हैं। बीजेपी से जुड़े लोग जगह-जगह जाकर सीएए और एनआरसी से बारे में समझा रहेे हैं। इसी बीच गृहमंत्री अमित शाह ने एक रैली के दौरान कहा है कि सीएए कानून को सरकार किसी भी हालत में वापस नहीं लेगी।