नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ देशभर में प्रोटेस्ट चल रहे हैं। लगभग दो महीने से देश के कई राज्यों में अपने-अपने तरीके से लोग विरोध के लिए सड़कों पर हैं। इसी बीच राजधानी दिल्ली और अलीगढ़ से पुलिस की तरफ से प्रदर्शकारियों पर लाठीचार्ज किए जाने की खबर है। साउथ दिल्ली के हौज़ रानी में और अलीगढ़ के दो क्षेत्रों में पुलिस ने लाठी चार्ज किया है जिसमें बच्चे और महिलाओं सहित कई लोग घायल हुए हैं।
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दिल्ली में शाहीन बाग और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं। लेकिन साउथ दिल्ली के मालवीय नगर के हौज़ रानी के इलाक़े में नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ महिलाएं प्रदर्शन कर रही थी। रविवार शाम को ये सभी महिलाएं जुलूस निकालने की तैयारी कर रही थी। उसी दौरान पुलिसकर्मियों ने उनपर लाठीचार्ज किया जिसमें कई लोग घायल हो गए। घायलों को मालवीय नगर के मदन मोहन मालवीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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घायलों के परिजनों का कहना है कि ये घटना तब घटी जब नागरिकता संशोधन क़ानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में स्थानीय लोगों ने जुलूस निकाला। जबकि दूसरी तरफ दक्षिण दिल्ली के पुलिस उपायुक्त अतुल ठाकुर ने लाठी चार्ज किए जाने की बात पर कहा कि इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। हालांकि, उन्होंने इसका खंडन भी नहीं किया है। पुलिस उपायुक्त ने कहा कि मालवीय नगर के हौज़ रानी के इलाक़े से नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ लोगों ने जुलुस निकाला था। फिर उन्होंने कहा, “जुलूस निकालने के लिए पहले से अनुमति नहीं ली गई थी। प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर यातायात को बाधित करने की कोशिश भी की थी। इसके अलावा प्रदर्शन में शामिल कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों और ख़ास तौर पर महिला पुलिसकर्मियों के साथ बदसुलूकी भी की।”
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घायल हुई मुबीना ने कहा कि हम जुलूस की शक्ल में निकले थे और वापस गांधी पार्क पहुँच गए थे जहाँ कई दिनों से हमारा प्रदर्शन चल रहा है। मगर जब हम वापस पहुंचे तो पुलिस ने पहले ही वहाँ बैरियर लगा दिए थे। हम जैसे ही पहुंचे उन्होंने हम पर लाठियां बरसाना शुरू कर दीं। कई पुलिस वालों ने महिलाओं के पेट पर लात भी मारीं।” मुबीना स्ट्रेचर पर हैं। उन्हें कमर में और पैरों में गहरी चोट लगी है। वो मदन मोहन मालवीय अस्पताल में भर्ती थी। अब उनके परिजन उन्हें दूसरे अस्पताल ले जा रहे हैं।
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पुलिस ने बच्चों को तक नहीं छोड़ा। कई बच्चों को चोट आई है जो मदन मोहन मालवीय अस्पताल में भर्ती हैं। परिजनों ने मदन मोहन मालवीय अस्पताल के डाक्टर पर आरोप लगाया है कि अस्पताल में भर्ती लोगों का मेडिकल नहीं कर रहे हैं। वो रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं। जिससे पता चले कि उन लोगों को कितनी चोटें आई हैं। यही वजह है जिसके चलते वे अपने घायल परिजनों को दूसरे अस्पतालों में ले जा रहे हैं।
वहां से कुछ ही दूर पर गांधी पार्क है। जहां प्रदर्शन जारी है। उनका कहना है कि महिलाएं शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रही हैं। उसके बावजूद उनपर लाठियां बरसाई गईं। उनका ये भी आरोप है कि महिला प्रदर्शनकारियों को पुरुष पुलिसकर्मी मार रहे थे। साथ ही उनका कहना है कि मारने वाले पुलिसकर्मियों ने वर्दी पर लगे अपनी नामों की प्लेटों को छुपा रहे थे। आपको बता दें कि मालवीय नगर के हौज़ रानी के इलाक़े में पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं। ताकि किसी हिंसक वारदात से निपटा जा सके।
AMU students comes out in support of protesting women of Shahjamal and Upper Court area of Aligarh who were brutally attacked by police today#Aligarh #AMU https://t.co/UYjTxbtHiw
— Tarique Anwer (@tanwer_m) February 23, 2020
दूसरी तरफ अलीगढ़ के ऊपरकोट और कोतवाली में भी रविवार को पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज किया। आंसू गैस छोड़े। फायरिंग हुई। जिसमें दो व्यक्ति को गोली लग गई। बताया जा रहा है कि गोलीबारी और पथराव में तीन पुलिसकर्मियों समेत 12 लोग घायल हो गए हैं। सीएए के विरोध में धरने पर बैठी महिलाओं को रविवार को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज की। उपद्रवियों ने खोखों और कई दुपहिया वाहनों में आग लगा दी। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। साथ ही पुलिस के वाहनों में भी तोड़फोड़ की। पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़कर लाठीचार्ज किया जिससे उपद्रव मच गया।
अलीगढ़ के डीएम चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे लोगों ने पुलिस के वाहनों पर पथराव किया और जामा मस्जिद के पास एक ट्रांसफार्मर को आग लगाने की कोशिश की। डीएम ने ये भी कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों पर पथराव किया इसलिए पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।
गौरतलब है बीती शुक्रवार को शाहजमाल पर धरना दे रही थी। बारिश के कारण महिलाओं ने जब तिरपाल लगाने का प्रयास किया तो पुलिस ने रोक दिया। इस पर शनिवार को सैकड़ों महिलाओं ने कोतवाली के सामने और ऊपरकोट पर धरना प्रांरभ कर दिया। हालांकि, बाद में शनिवार को प्रशासन ने तिरपाल लगाने की अनुमति दे दी थी। लेकिन महिलाएं उक्त दोनों स्थानों से नहीं हटीं। रविवार दोपहर बाद एसपी ट्रैफिक अजीजुल हक, एसपी सिटी अभिषेक कुमार ने महिलाओं को हटाने का प्रयास किया। महिला पुलिस कर्मियों ने धरने पर बैठी महिलाओं को उठने के लिए कहा तो उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। नोकझोंक के साथ ही खींचतान शुरू हो गई। भीड़ ने पुलिस पर पत्थर फेंके। पुलिस ने लाठियां चलाना शुरू कर दिया। पुलिस ने फायरिंग की।
बताया जा रहा है कि बवालियों ने पुलिस, आरएएफ के वाहनों में तोड़फोड़ करने के साथ ही रास्ते में खड़े वाहनों, खोखों और पुलिस बैरिकेडिंग में आग लगा दी। फायरिंग शुरू होते ही आरएएफ ने भीड़ पर पानी की बौछार कराई। इसके बावजूद पथराव व फायरिंग नहीं थमी। तब आरएएफ ने आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए। वहां के हालात पर काबू करने के लिए आरएएफ व पुलिस ने भीड़ को दौड़ाकर गली मोहल्लों व घरों तक पहुंचा दिया, लेकिन पथराव बंद नहीं हुआ। घरों की छतों से पथराव शुरू हो गया। अभी ऊपरकोट का बवाल थमा नहीं था कि मिश्रित आबादी वाले बाबरी मंडी, घासी की मंडी, चंदन शहीद में भी पथराव फायरिंग शुरू हो गई।