दिवाली के बाद से ही कई राज्यों में मक्खन की किल्लत देखने को मिल रही है। जिससे कई राज्यों में लोगों के पास मक्खन नहीं पहुँच पा रहा है। इसकी वजह गायों में फैली बीमारी ‘लम्पी’ और दिवाली के दौरान हुए कई त्योहारों में दूध की खपत को बताया जा रहा है। दरअसल गायों में फैली बीमारी की वजह से दूध का उत्पादन घटा है। इसके चलते मिल्क कंपनियों का कारोबार भी प्रभावित हुआ है। जिसका असर मक्खन पर भी पड़ा है। गर्मियों के मौसम में मक्खन की खपत कम पाई जाती है लेकिन सर्दियों में लोगों द्वारा इसका इस्तेमल ज्यादा किया जाता है। मगर आजकल सर्दियों के मौसम में लोगों को दुकानों में बटर नहीं मिल पा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी समेत कई राज्यों के सुपरमार्केट, किराने की दुकानों और डिलीवरी ऐप ने ‘अमूल’ ब्रांड मक्खन की आपूर्ति में कमी का संकेत दिया है। गुजरात ,दिल्ली, पंजाब, और उत्तर प्रदेश में मक्खन की कमी सबसे ज्यादा नजर आ रही है। यूपी में 35 से 50 फीसदी तक मक्खन की कमी दर्ज की गई है। वहीं दिल्ली में अमूल ब्रॉन्ड के बटर की सप्लाई कुछ हफ्तों से मार्केट में नहीं पहुंच रही है।
बटर कमी की पुष्टि करते हुए अमूल के निदेशक आरएस सोढ़ी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हो सकता है दिवाली त्योहार के दौरान अधिक डिमांड की वजह से ऐसी स्थिति बनी हो लेकिन सप्लाई अब सामान्य स्थिति में लौट रही है, मौजूदा समय में अमूल मक्खन का उत्पादन सामान्य से अधिक है, पाइपलाइन में पहले की कमी को भरने में समय लग रहा है। उनके मुताबिक बाजार में अमूल बटर की आपूर्ति और उपलब्धता चार से पांच दिनों में पूरी तरह से सामान्य हो जाएगी।
लखनऊ मंडल में प्रतिदिन 30 टन मक्खन की खपत होती है। हालांकि दिवाली के दौरान हुए त्योहारों के बाद से प्रतिदिन 20 ही टन मक्खन की आपूर्ति हो पा रही है। गौरतलब है कि भारत सबसे अधिक दूध उत्पादन वाला देश है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018-19 में भारत में 188 मिलियन टन दूध का प्रोडक्शन हुआ था। वहीं 2019-20 में 198 टन दूध का उत्पादन हुआ। लेकिन 2020-21 में कोरोना महामारी के चलते दूध का प्रोडक्शन भी प्रभावित हुआ था।