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आशाओं-आशंकाओं का बजट

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट ढेर सारी आशाओं के साथ-साथ एक बड़ी आशंका को खुद में समेटे हुए है। जहां स्टैंडर्ड डिडक्शन का दायरा बढ़ा लाखों युवाओं को निजी क्षेत्र में इंटर्नशिप, स्टार्टअप कंपनियों को एंजेल टैक्स से राहत आदि इस बजट की बढ़ी खूबियों में शुमार हैं तो दूसरी तरफ वित्तमंत्री ने सम्पत्तियों पर इंडेक्सेशन को हटा 12 .5 प्रतिशत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू कर बड़ी आशंकाओं को जन्म दे डाला है

हाल ही में सम्पन्न हुए आम चुनाव में जनता जनार्दन ने लगातार तीसरी बार एनडीए की अगुवाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता की कमान सौंपी। अब गत सप्ताह आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया है। ऐसे में एक ओर जहां राजनीतिक दृष्टिकोण से केंद्र की एनडीए गठबंधन सरकार में प्रमुख सहयोगी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पर मेहरबानी को लेकर कुछ अर्थशास्त्री और विपक्षी दल इस बजट को कुर्सी बचाने वाला बजट बता रहे हैं तो कुछ अर्थशास्त्री इसे देश की अर्थव्यवस्था को गति देने वाला बता रहे हैं। लेकिन इस सबसे इतर हर साल सबसे ज्यादा निगाहें इसी बात पर लगी रहती हैं कि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव हुआ है या नहीं। इस आम बजट में आम आदमी के लिए क्या खास है? इनकम टैक्स में क्या बदलाव हुआ? सरकार का सबसे ज्यादा फोकस किस क्षेत्र पर रहा। किस राज्य को कितना पैसा मिला की चर्चा हो होती है। ऐसे में सबसे पहले बात करते हैं इनकम टैक्स की।

न्यू इनकम टैक्स में क्या हुआ बदलाव

सरकार ने न्यू इनकम टैक्स में बदलाव किया है। नए टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए तक की इनकम पर 5 फीसदी के हिसाब से टैक्स देना होगा। पहले यह लिमिट 6 लाख रुपए तक थी। इसके अलावा न्यू टैक्स रिजीम के अन्य स्लैब में भी बदलाव किया गया है। 7 से 10 लाख तक की इनकम पर 10 प्रतिशत, 10 से 12 लाख तक की इनकम पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख तक की इनकम पर 20 फीसदी और 15 लाख से ऊपर की सालाना इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स लिया जाएगा।

स्टैंडर्ड डिडक्शन का बढ़ा दायरा

सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव के साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी दायरा बढ़ा दिया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दिया गया है। नई टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है। इससे करदाता को 17 हजार 500 रुपए तक का फायदा होगा। हालांकि पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

हर साल 20 लाख युवाओं को इंटर्नशिप

वित्तमंत्री ने नौकरियों और स्किल ट्रेनिंग से जुड़ी 5 योजनाओं का ऐलान किया है। इसके तहत कुल 1 करोड़ युवाओं का 5 साल में स्किल डेवलपमेंट किया जाएगा। सरकार 500 टॉप कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देगी। इंटर्नशिप के दौरान 5 हजार रुपए हर महीने का बोनस भी मिलेगा।

शिक्षा लोन पर मिलेगा अनुदान

शिक्षा के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है। जिन छात्रों को सरकारी योजनाओं के तहत हायर एजुकेशन के लिए 10 लाख तक का लोन नहीं मिल पा रहा है उन्हें देशभर के संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 लाख तक के लोन में सरकारी मदद मिलेगी। इसके तहत सालाना लोन पर ब्याज का 3 फीसदी पैसा सरकार देगी।

महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़ का प्रावधान

बजट में महिलाओं और लड़कियों से जुड़ी योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस फंड का इस्तेमाल महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण में किया जाएगा। वित्तमंत्री ने सरकारी वर्किंग महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाने की बात कही है।

किसानों की कमाई में होगा इजाफा

इस साल के बजट में किसानों का खास ध्यान रखा है और किसानों की कमाई में इजाफा करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सरकार ने
कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। पिछले साल के मुकाबले इस साल किसानों के लिए बजट 21.6 प्रतिशत यानी 25 हजार करोड़ रुपए बढ़ाए हैं। इसके तहत 6 करोड़ किसानों की जानकारी के लिए लैंड रजिस्ट्री पर लाई जाएगी। 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे। इस दौरान निर्मला सीतारमण के पिटारे से किसानों के लिए कई योजनाएं निकली हैं। बजट 2024 में सरकार का फोकस कृषि के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, कृषि में तकनीक को बढ़ावा देने और प्राकृतिक खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ाने पर रहा है। हालांकि, बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोतरी और एमएसपी को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है।

सोलर एनर्जी को बढ़ावा देगी सरकार

सरकार ने सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए बड़े फंड का ऐलान किया है। सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 करोड़ घरों को 300 यूनिट तक हर महीने बिजली फ्री मिलेगी। इस योजना के तहत इच्छुक लोगों के छत पर 3 किलोवाट क्षमता की सोलर पैनल यूनिट लगाने से हर महीने 300 यूनिट तक की खपत करने वाले घर को सालाना लगभग 15 हजार रुपए की बचत होगी। इसके अलावा घर के मालिक अपने घर पर बिजली पैदा कर उसे बेच भी सकता है, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।

नीतीश और नायडू का खास ख्याल

मोदी सरकार ने बिहार में इंफ्रा और अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए 58 हजार 900 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की गई है। बिहार में विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर बनेगा और नालंदा विश्वविद्यालय को पर्यटन केंद्र बनाया जाएगा।

दोगुनी हुई मुद्रा लोन की लिमिट

बजट में मुद्रा लोन की लिमिट को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। पहले इस स्कीम के तहत 10 लाख रुपए तक का लोन मुहैया कराया जा रहा था जिसे अब 20 लाख कर दिया गया है।

खत्म हुआ एंजेल टैक्स
सरकार ने एंजेल टैक्स खत्म कर दिया है। इससे स्टार्टअप्स को बड़ी राहत मिलेगी। अभी कोई प्राइवेट कंपनी अपने शेयर उसके फेयर वैल्यू से अधिक कीमत पर बेचती है, तो उस कंपनी को एंजेल टैक्स पेमेंट करना पड़ता था। आमतौर पर एंजेल स्टार्टअप कंपनियों पर लगता था, जब उनमें कोई इन्वेस्ट करता था। लेकिन इस टैक्स के खत्म होने से अब स्टार्टअप्स को टैक्स से राहत मिलेगी।

कॉरपोरेट को नहीं मिलेगा महंगाई का लाभ
कॉरपोरेट जगत की बात करें तो बजट 2024-25 में प्रॉपर्टी बेचने पर करदाताओं को मिलने वाला ‘इंडेक्सेशन’ लाभ हटा दिया गया है। यानी उनकी प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों पर टैक्स तय करते समय महंगाई का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में प्रॉपर्टी बेचने वाले पर ज्यादा टैक्स देनदारी बन सकती है। बजट में रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एलटीसीजी को ‘इंडेक्सेशन’ लाभ सहित 20 प्रतिशत से घटाकर बिना ‘इंडेक्सेशन’ के 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। जिसकी वजह से इंडेक्सेशन चर्चा में है। एक तरफ जहां सरकार कह रही है कि इस कदम से घर मालिकों को नुकसान नहीं होगा वहीं इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को आशंकाएं हैं। उनका कहना है कि इसका असर बड़े स्तर पर होने वाला है और प्रॉपर्टी मालिक को इसका नुकसान होगा। हालांकि 2001 से पहली खरीदी गई प्रॉपर्टी को बेचने पर इंडेक्सेशन का लाभ मिलता रहेगा। इस संबंध में इनकम टैक्स विभाग ने जो सफाई जारी की है, उसके अनुसार पांच वर्षों तक रखी गई संपत्ति के लिए नई व्यवस्था तब लाभकारी होगी जब संपत्ति का मूल्य 1.7 गुना या उससे अधिक बढ़ गया हो, जबकि 10 वर्षों तक रखी गई संपत्ति के लिए यह तब लाभकारी होगी जब मूल्य 2.4 गुना या उससे अधिक बढ़ गया हो। 2009-10 में खरीदी गई संपत्ति के लिए यदि मूल्य 4.9 गुना या उससे अधिक बढ़ गया है तो यह फायदेमंद होगा।

उन्नत ग्राम अभियान से आदिवासियों को फायदा

सरकार ने बजट में आदिवासी समुदायों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। इससे 63,000 गांवों को कवर किया जाएगा और 5 करोड़ आदिवासी लोगों को फायदा मिलेगा।

रक्षा के लिए 4.54 लाख करोड़ का बजट
बजट में डिफेंस क्षेत्र के लिए 4.54 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। 1 फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में डिफेंस को 6.21 लाख करोड़ रुपए मिले थे। इस बार इस सेक्टर को 1.67 लाख करोड़ रुपए कम मिले हैं।

मनरेगा में नहीं हुआ कोई बदलाव

इस बार बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए कोई बड़ा ऐलान नहीं हुआ है। मनरेगा के लिए 86,000 करोड़ के अलॉटमेंट का प्रस्ताव रखा गया, जो अंतरिम बजट के समान है।

असल में बजट 2024-25 में सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 9 प्राथमिकताएं तय की हैे। इस बजट के जरिए आम जनता से लेकर देश की आर्थिक विकास दर को उच्च स्तर तक ले जाने का प्रयास किया गया है। सरकार ने सबसे ज्यादा फोकस रोजगार, युवाओं, महिलाओं और किसानों पर किया है वहीं मिडिल क्लास और वेतनभोगी को इनकम टैक्स में बड़ी राहत दी है। इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी कई बड़े ऐलान किए गए हैं। कृषि क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ाना, युवाओं के लिए रोजगार, गरीब नागरिकों की विकास में हिस्सेदारी एवं उन्हें सामाजिक न्याय, विनिर्माण इकाईयों को बढ़ावा देना, शहरी क्षेत्रों को विकसित करना, ऊर्जा की उपलब्धता, आधारभूत ढांचा विकसित करना, नवाचार, शोध एवं विकास तथा नई पीढ़ी के सुधार कार्यक्रमों को लागू करना है।

गौरतलब है कि वर्ष 2022-23 के बजट में केंद्र सरकार द्वारा 7.5 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्चों का प्रावधान किया गया था, वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसमें 33 प्रतिशत की भारी भरकम वृद्धि करते हुए इसे बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए का कर दिया गया था। वित्तीय वर्ष 2024- 25 के लिए इसे बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 फीसदी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा पूंजीगत खर्चों में लगातार की जा रही वृद्धि से देश की आर्थिक विकास दर की रफ्तार बढ़ सकती है।

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस आम बजट का गहराई से अध्ययन करें तो जिस प्रकार युवाओं एवं महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने एवं कौशल विकसित करने की दृष्टि से 2 लाख करोड़ रुपए की 5 योजनाओं के एक पैकेज की घोषणा की है। उससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। इसके लिए शिक्षा, रोजगार एवं कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए की राशि इस बजट में आवंटित भी कर दी गई है। प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत कर्मचारी प्रोविडेंट फंड के प्रथम बार सदस्य बनने पर औपचारिक क्षेत्र के कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड खातों में एक माह का वेतन जमा किया जाएगा। इन कर्मचारियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना के अंतर्गत एक माह का वेतन 15000 रुपए की अधिकतम राशि तक तीन किश्तों में उनके खातों में जमा किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत एक माह में एक लाख रुपए तक का वेतन पाने वाले कर्मचारी ही पात्र होंगे। इससे 2.1 करोड़ युवाओं को लाभ होने की सम्भावना बजट में व्यक्त की गई है। जिससे लगता है कि अब केंद्र सरकार ने रोजगार के अधिकतम अवसर निर्मित करने की ठान ली है और इससे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

खासकर देश के आर्थिक चक्र को गति देने के उद्देश्य से नई कर प्रणाली के अंतर्गत वेतनभोगी/पेंशनधारी कर्मचारियों के लिए सामान्य छूट की सीमा को 50,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए कर दिया गया है। साथ ही आय कर की दरों में कुछ इस प्रकार का संशोधन किया गया है कि 15 लाख रुपए तक कि कर योग्य आय वाले कर्मचारियों को प्रतिवर्ष 17,500 रुपए सहित सरकार द्वारा ऐसे कई निर्णय लिए जा रहे हैं जिनका आने वाले समय में युवाओं को लाभ हो सकता है। जैसे कि एक करोड़ युवाओं को आगामी 5 वर्षों के दौरान इंटर्नशिप योजना के अंतर्गत काम दिया जाएगा। ताकि ये युवा वर्ग के नागरिक रोजगार प्राप्त करने हेतु सक्षम हो सकें। इन युवाओं को प्रतिमाह 6 हजार रुपए तक का वाजीफा सम्बंधित कम्पनियों द्वारा अदा किया जाएगा। इस राशि को कंपनियों के लिए लागू नियमित सामाजिक दायित्व योजना के अंतर्गत किया गया खर्च माना जाएगा। भारत की सबसे बड़ी 500 कंपनियों को इस योजना के अंतर्गत युवाओं को इंटर्नशिप की सुविधा देनी होगी। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा भी इन युवाओं को प्रतिमाह 5 हजार रुपए अदा किए जाएंगे। यह केंद्र सरकार का एक सूझबूझ भरा निर्णय कहा जा सकता है।

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