[gtranslate]
Country

बसपा हाफ, भाजपा साफ, सपा सिरमौर

‘भाजपा का किहिस है के ऊका वोट दीन जाए, एक बार गैस सिलेण्डर मुफ्त में दै के अब हजार रुपैय्या का कई दिहिस है, कहां तै भरवाई। पिहै के लायक पनिहौ नाहीं है। हैण्डपम्पवा गर्मियां में सूख जावत है, पोखर तनी पानी भरि के लावत हैं। करउना अलग से मारि डालिस। सरकार कहत रहि कि सबका मुफ्त में राशन मिलिहै, महिना भर मां पांच किलो राशन मां एक परिवार कैसे पेट भरि सकत है, यू आपहै लोगन जानि सकत हौ। ये उद्गार किसी एक व्यक्ति के नहीं बल्कि 95 प्रतिशत आबादी के हैं। यहां की जनता खुलकर भाजपा के खिलाफ है। कवरेज के दौरान सपा के जयकारे इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि इस बार भी मोहनलालगंज की सीट सपा के ही खाते में जायेगी।

मोहनलालगंज विधानसभा सीट (सुरक्षित)

राजधानी लखनऊ की तहसील मोहनलालगंज विधानसभा सीट (सुरक्षित) भाजपा के लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही है। इस सीट पर भाजपा का परचम कभी नहीं लहराया। चाहें वह नब्बे के दशक में मन्दिर आन्दोलन वाला समय हो या फिर मोदी लहर। पिछले कुछ चुनावों से इस सीट पर सपा-बसपा का कब्जा रहा है।

1996 से 2012 तक इस सीट पर आर के चौधरी का परचम लहराता रहा है। आरके चौधरी पहली बार वर्ष 1996 में बसपा के टिकट पर बाजी मारकर चर्चा में आए थे। बसपा प्रमुख मायावती से खटपट के चलते इन्हें जब बसपा से बाहर का रास्ता दिखाया गया तो इन्होंने वर्ष 2002 में आईएनडी के बैनर तले चुनाव लड़ा और क्षेत्रीय स्तर पर बसपा को अपनी ताकत का अहसास करा दिया। आईएनडी में नहीं पटी तो ये एक अन्य क्षेत्रीय दल आरएसबीपी के बैनर तले मैदान में नजर आए। चूंकि क्षेत्रीय स्तर पर इन्होंने अपनी पहचान काम करके बनायी थी लिहाजा इस बार भी बाजी इन्हीं के हाथ लगी। यही वह दौर था जब बसपा के बडे़ नेता इन्हें मनाने में जुटे थे लेकिन मायावती से बेइज्जत हुए श्री चौधरी ने दोबारा बसपा का हाथ नहीं थामा। मौजूदा समय में श्री चौधरी सपा के बैनर तले महज स्टार प्रचारक के रूप में नजर आ रहे हैं। सपा ने इस क्षेत्र से दो बार की सांसद रहीं सुशील सरोज को टिकट देकर मैदान में उतारा है। पहले इस सीट पर पिछली बार के विजेता रहे अम्बरीश पुष्कर को टिकट दिया गया था लेकिन अम्बरीश पुष्कर के नाम पर पार्टी में विद्रोह की स्थित उत्पन्न हुई तो पार्टी ने अपना फैसला बदला और अम्बरीश पुष्कर के स्थान पर सुशीला सरोज को प्रत्याशी बनाया है। सुशीला सरोज पासी समाज की हैं और यह इलाका भी पासी बाहुल्य है। कवरेज के दौरान जमीनी हकीकत तो यही कह रही है कि इस बार मोहनलालगंज विधानसभा सीट एक बार फिर से सपा के खाते में जायेगी। विगत चुनाव में सपा के अम्बरीश सिंह पुष्कर को 32.16 प्रतिशत वोट (71,574 वोट) प्राप्त हुए थे। दूसरे नम्बर पर आईएएस से राजनीति के खेल में कदम रखने वाले राम बहादुर थे। इन्हें 71,044 वोट मिले थे। अम्बरीश सिंह पुष्कर महज 530 वोटों के अन्तर से विजयी हुए थे। इस बार की तस्वीर कुछ अलग है। मार्जिन बड़ा नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा है कि इस बार सपा प्रत्याशी सुशीला सरोज को 50 हजार से अधिक मतों के अन्तर से विजय प्राप्त हो सकती है।


दूसरे नम्बर पर बसपा के देवेन्द्र कुमार की दावेदारी नजर आ रही है। चूंकि इलाका दलित और पासी बाहुल्य है लिहाजा बसपा का एक बड़ा वोट बैंक बसपा प्रत्याशी के पक्ष में जाता नजर आ रहा है। रही बात भाजपा की तो इस बार भी यह इलाका भाजपा के हाथ से जाता नजर आ रहा है। भाजपा ने यहां से अमरेश कुमार को मैदान में उतारा है। अमरीश कुमार राजनीति के कच्चे खिलाड़ी हैं। चूंकि अमरेश कुमार के साथ भाजपा का बैनर है लिहाजा भाजपा का असर देखने को मिल रहा है लेकिन उतना नहीं जितने में जीत हासिल हो सके। कांग्रेस की ममता चौधरी को चौथे नम्बर का प्रत्याशी माना जा रहा है। ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का जुमला यहां की जनता को प्रभावित करने में कामयाब नहीं हो पाया है। रही बात ‘आप’ की तो इस बार ‘आप’ का प्रत्याशी चमत्कारिक ढंग से अपनी उपस्थिति का अहसास करा सकता है। कुछ इलाके ऐसे हैं जहां की जनता सपा, बसपा, भाजपा और कांग्रेस से ऊब चुकी है। इस जनता को ‘आप’ के प्रत्याशीह सूरज कुमार रावत में उम्मीद नजर आ रही है।


अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर क्या वजह है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान भाजपा इस इलाके में अपना प्रभाव नहीं बना पायी। जमीनी हकीकत तो यही कह रही है कि यहां की जनता में महंगाई को लेकर व्यापक रोष है। उज्जवला योजना के तहत निःशुल्क मिले गैस सिलेंडर भाजपा की छवि को प्रज्जविलत नहीं कर पाए तो दूसरी ओर बेरोजगारी ने यहां के युवाओं में भाजपा के खिलाफ नफरत भर दी है। कोरोना का मिस मैनेजमेंट भी भाजपा की छवि प्रभावित करने का सबसे बड़ा कारण है। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा की दयनीय दशा और केन्द्र सरकार की योजनाओं में दलालों की भूमिका ने भाजपा की छवि को बुरी तरह से प्रभावित किया है।
लब्बोलुआब यह है कि इस बार के चुनाव में भी मोहनलालगंज विधानसभा सीट भाजपा के पक्ष में जाती नजर नहीं आ रही जबकि भाजपा ने इस बार ऐड़ी चोटी का जोर लगा रखा है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD