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दलित – मुस्लिम समीकरण साधने में जुटी बसपा

देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भले ही निकाय चुनाव की घोषणा नहीं हुई है,लेकिन राकनीतिक अभी से जोर आजमाइश में जुट गए हैं,ऐसे में बहुजन समाज पार्टी अपनी वापसी के लिए दलित-मुस्लिम मतदाताओं को साधने की भरकस कोशिश करती नजर आ रही है।

 

इस दिशा में पार्टी ने कम से कम 7 नगर निगम की मेयर सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट उतारने की रणनीति बनाई है ताकि 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा से मुंह फेरकर सपा में गए मुस्लिम वोटरों को वापस लाया जा सके। इसके लिए बसपा सुप्रीमों मायावती ने पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुस्लिम समाज में खास प्रभाव रखने वाले इमरान मसूद को पिछले साल बसपा में शामिल किया और अब उनकी पत्नी ‘साइमा मसूद’ को सहारनपुर नगर निगम में मेयर का प्रत्याशी बनाया है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के चर्चित बाहुबली नेता अतीक अहमद का परिवार को बसपा शामिल किया है।

ऐसी स्थिति में राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि मायावती अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को प्रयागराज नगर निगम सीट से मेयर का प्रत्याशी बना सकती हैं वहीं वेस्ट उत्तर प्रदेश से पूर्व सांसद शाहिद अखलाक के छोटे भाई राशिद अखलाक को मेरठ से चुनाव में उतार सकती हैं ,क्योंकि एक समय में इन सभी नेताओं का प्रदेश की सियासत में अच्छी पकड़ रही है ।सहारनपुर इमरान मसूद का गढ़ रहा है,हालांकि पिछले कुछ सालों में कमी भी देखने को मिली है। इसी तरह प्रयागराज के इलाके में बाहुबली अतीक अहमद का अपना सियासी वर्चस्व था, लेकिन कानूनी शिकंजा कसने के बाद इसमें बहुत कमी आई है।

इसके बावजूद मायावती ने इन पर दांव लगाया है। कहा जा रहा है कि मायावती जानती है कि सहारनपुर में अभी भी इमरान मसूद का अपना दबदबा है उसी तरह अतीक परिवार का प्रयागराज में अभी भी असर है। ऐसे ही मेरठ में शाहिद अखलाक के परिवार का अपना जलवा रहा है, उनके परिवार से मेयर से लेकर विधायक और सांसद बनते रहे हैं। इसलिए बसपा इन सभी नेताओं के परिवारों को जोड़ने की कवायद में है। यही कारण है कि बहुजन समाज पार्टी में शामिल होते ही इमरान मसूद को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का संयोजक बनाया गया था। इसके जरिए यह संदेश देने की कोशिश की गई कि प्रदेश में मुस्लिम समाज का सबसे बड़ा फायदा बसपा के साथ रहने का है,क्योंकि राज्य में भाजपा को हराने में सपा सक्षम नहीं है। ऐसे में अगर मुस्लिम बसपा के साथ देते हैं तो भाजपा को आसानी से हराया जा सकता है,यह बात इमरान मसूद से लेकर अतीक अहमद के परिवार तक के शामिल होने पर कही जा रही है।

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