देश का नाम विदेशों में रोशन करने वाली महिला पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाते हुए बीते 23 अप्रैल से दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रही थीं। बृजभूषण पर एक नाबालिग खिलाड़ी द्वारा भी पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत मुकदमा भी दर्ज कराया गया। इस मुकदमे को दर्ज हुए महीने भर से ज्यादा समय हो गया, लेकिन पॉक्सो एक्ट के तहत तुरंत गिरफ्तारी अनिवार्य होने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था। इसके साथ-साथ बृजभूषण पर दो मुकदमे और दर्ज किए गए; महिला की लज्जा भंग करने के आरोप में आईपीसी की धारा 354, 354(ए), 354(डी) के तहत केस दर्ज किया गया लेकिन आज आ रही ख़बरों के अनुसार बृजभूषण पर नाबालिग महिला के द्वारा लगाए गए आरोपों को वापस ले लिया गया है। साथ ही देश के दिग्गज पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ हो रहे आंदलन को भी वापस ले लिया गया है।
हालाँकि अन्य महिला पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की लगातार मांग कर रहे हैं। लेकिन एक नाबालिग पहलवान अपने बयान से पलट गई है। सूत्रों के अनुसार, पहलवान ने बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए आरोप वापस ले लिए हैं। दिल्ली पुलिस ने नाबालिग पहलवान का बयान पटियाला हाउस कोर्ट में कराया है। महिला ने 2 दिन पहले पटियाला हाउस कोर्ट में बयान को वापस ले लिया है।
बृजभूषण के खिलाफ आरोप
पहलवानों के आरोपों के बाद बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर के अनुसार, लड़की ने कहा कि उसने उसे अपनी ओर खींचा और उसके कंधे पर बहुत जोर से दबाया और फिर जानबूझकर अपना हाथ उसके कंधे के नीचे खिसका दिया था। उसके शरीर पर हाथ फेरते हुए कहा, तू मेरे को सपोर्ट कर, मैं तेरे को सपोर्ट करूंगा। मेरे साथ टच में रहना।’ जैसी बातें कही गई थी, लेकिन अब यह पूरा बयान वापस ले लिया गया है।
नाबालिग के पिता की ओर दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, घटना 2022 की है, जब वह 16 साल की थी। नाबालिग ने राष्ट्रीय खेलों में सब जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लिया था। एफआईआर में आगे कहा गया है कि जब नाबालिग ने बृजभूषण का कड़ा विरोध किया, तो उसने उससे कहा कि एशियाई चैम्पियनशिप के लिए जल्द ही ट्रायल होने वाले हैं और चूंकि वह उसके साथ सहयोग नहीं कर रही है, इसलिए उसे आगामी ट्रायल में नतीजों में इसका भुगतान करना होगा।
बृजभूषण सिंह के खिलाफ कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य मंशा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। उनके खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया था, नाबालिग की इस प्रतिक्रिया के बाद महिला पहलवानो के लिए कड़ी समस्या खड़ी हो गई है।