कोरोना संकट से भारत समेत पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। कोरोना संक्रमण पर रोकथाम के लिए देशों ने कई प्रतिबंध और बंदिशें लगाई हैं। जैसे-जैसे स्थिति में सुधार हो रहा है वैसे-वैसे प्रतिबंधों में ढील भी दी जा रही है। इसी बीच ब्रिटेन और अमेरिका ने दूसरे देशों से आने वाले लोगों के लिए नए यात्रा नियम बना दिए हैं। जिन लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है, उन्हें अमेरिका में नवंबर से प्रवेश की अनुमति मिल जाएगी। भारतीयों को इससे काफी राहत मिलेगी। लेकिन ब्रिटेन द्वारा बनाए नियम भारत के लोगों को ऐसी अनुमति नहीं देते हैं। हालांकि अब जिन्हें भारत में कोविशील्ड (Covishield ) वैक्सीन का टीका लगाया गया है। उन्हें यूके सरकार ने अस्वीकृत करने के अपने फैसले में एक बड़ा बदलाव किया है।
गौरतलब है कि ब्रिटिश सरकार ने भारत, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और कुछ अन्य देशों के टीकों के टीकाकरण की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया था। बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद ब्रिटेन ने अपने प्रतिबंधों में बदलाव किया है। भारत की ओर से कड़ी चेतावनी के बाद यूके ने अपने फैसले को उलट दिया है, उन्होंने एक नया संशोधन पेश किया है जिससे टीका लगाने वालों को देश में लौटने की अनुमति मिल गई है।
कहा जा रहा है कि भारत के दबाव में ब्रिटेन ने नियम बदले हैं। यूके ने आखिरकार अपने नए यात्रा नियमों में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए एक Covishield कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। हालांकि ब्रिटेन जाने वाले भारतीय अभी भी आइसोलेशन से बंधे हुए हैं। यूके ने अपनी यात्रा नीति में बदलाव करके कोविशील्ड को मंजूरी दी है, लेकिन उसने भारत के टीकाकरण प्रमाणपत्र की पुष्टि नहीं की है।
COVID19 | In its revised travel advisory, the UK government says Covishield qualifies as an approved vaccine pic.twitter.com/B5R52cDu6v
— ANI (@ANI) September 22, 2021
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, एस्ट्राजेनेका Covishield , एस्ट्राजेनेका वजेवरिया और मॉडर्ना टकीडा के फॉर्मूलेशन को मंजूरी दी गई है। हालांकि, ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि कोविशील्ड की दोनों खुराक लेने वाले यात्रियों को अभी भी 10 दिनों के लिए आइसोलेशन में रखने की जरूरत है।
अन्य यात्रियों, जिनमें भारतीय भी शामिल हैं, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है और जिनके पास ऐसे प्रमाण पत्र नहीं हैं, इंग्लैंड के अंतर्राष्ट्रीय यात्रा नियमों के अनुसार गैर-टीकाकृत माने जायेंगे। ऐसे यात्रियों को पूर्व-यात्रा परीक्षण, इंग्लैंड आगमन के दूसरे और आठवें दिन पीसीआर परीक्षण और प्रवेश के 10 दिन बाद तक दिए गए पते पर सेल्फ आइसोलेशन से गुजरना पड़ेगा।