दिल्ली में पिछले तीन दिनों से चल रही सांप्रदायिक हिंसा से कई जिला प्रभावित रहा है। इसी को देखते हुए भरी संख्या में सुरक्षाबल की तैनाती की गई है। इसी बीच चांदबाग इलाके से इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा का शव मिला है।
Intelligence Bureau Security Assistant Ankit Sharma's body recovered Wednesday afternoon. His body was pulled out from Chandbag drain and was identified by his father Devendra Sharma, who works for Delhi Police. #DelhiRiots @IndianExpress (His mother Sudha Sharma). pic.twitter.com/bY3TcgEY4V
— Abhishek Angad (@abhishekangad) February 26, 2020
जानकारी के मुताबिक, उनका सोमवार के शाम से कोई जानकारी नहीं मिल रही थी। मृतक अंकित शर्मा खुफिया विभाग में ड्राइवर के तौर पर कार्यरत थे। वह चांद बाग इलाके में ही रहते थे। बताया जा रहा है कि उनकी मृत्यु ड्यूटी के दौरान नहीं हुई है। 2017 में उन्होंने आईबी जॉइन की थी।
Delhi: Body of Intelligence Bureau Officer Ankit Sharma found in North East district's Chand Bagh area today. pic.twitter.com/WLDG0odk6P
— ANI (@ANI) February 26, 2020
इससे पहले दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल भी हिंसा का शिकार हो गए थे। इस हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा लगभग 250 लोग घायल बताए जा रहे हैं। सोमवार को पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसक झड़प हुई थी भीड़ ने घरों, दुकानों, पेट्रोल पंपों और सार्वजनिक संपत्ति में आग लगा दी।
नागरिकता संशोधन कानून के समर्थक और विरोधियों ने एक-दूसरे पर खूब पथराव किया और गोलियां चलीं। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सबसे अधिक प्रभावित भजनपुरा का इलाका हुआ है। वहां पर अब पैरामिलिट्री फोर्स के अलावा दिल्ली पुलिस की टीम की फ्लैग मार्च जारी है। अब इलाके के लोगों को इकट्ठा होने से मना किया जा रहा है। जॉइंट कमिश्नर कंपनी को लीड कर रहे हैं।
इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर समय रहते दिल्ली पुलिस ने बीजेपी के नेता पर कार्रवाई की होती तो दिल्ली में आज इतनी बड़ी हिंसा नहीं होती।
Congress Interim President Sonia Gandhi in Delhi: There is a conspiracy behind the violence, country also saw this during Delhi elections. Many BJP leaders made inciting comments creating an atmosphere of fear and hatred. #DelhiViolence pic.twitter.com/O6c1at9bLO
— ANI (@ANI) February 26, 2020
सोनिया गांधी ने इस नाजुक मौके पर अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा, “वाजपेयी जी के समय में जब कभी भी ऐसा होता था तो वो सभी पार्टियों को बुलाकर बात करते थे, लेकिन मोदी सरकार में ऐसा कभी नहीं किया।” कांग्रेस संसदीय कमेटी की आपात बैठक बुलाई गई थी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आगे कहा, “पिछले रविवार से जिस तरह से दिल्ली का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है वह एक सोची समझी साजिश का ही नतीजा है। यह किसी तरह की साजिश रची जा रही है उसी तरह की साजिश दिल्ली चुनाव के समय भी देखने को मिली थी। चुनाव के समय भी बीजेपी के कई नेताओं ने भड़काऊ भाषण देकर डर का माहौल पैदा करने की कोशिश की थी।”
Congress Interim President Sonia Gandhi: The Centre and the Union Home Minister is responsible for the present situation in Delhi. The Union Home Minister should resign. https://t.co/kH3JFsABpw
— ANI (@ANI) February 26, 2020
उन्होंने बिना नाम लिए कपिल मिश्रा पर तहा कि बीजेपी के एक नेता ने तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद उत्तर पूर्व दिल्ली में हिंसा फैली है। उन्होंने गृहमंत्री अमित साह हिंसा का जिम्मेदार ठहराया और उनसे इस्तीफे की मांग की।
उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि पिछले रविवार से गृहमंत्री क्या कर रहे थे? दिल्ली के सीएम कहां थे? दिल्ली चुनाव के बाद इन्टेलिजेंस इनपुट पर क्या कार्रवाई हुई? सुरक्षा व्यवस्था कम क्यों थी? केंद्र की ओर से पैरामिलिट्री फोर्स क्यों नहीं बुलाई गई?
वहीं दूसरी तरफ आम आदमा पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रेस कांफेस कर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार आखिर करना क्या चाहती है। संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक वीडियो दिखाते हुए भाजपा पर निशाना साधा और कहा, “दिल्ली में अमित शाह औपचारिकता और दिखावे में हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं। लेकिन उनके विधायक नारेबाजी कर रहे हैं।”
एक तरफ गृहमंत्री सुरक्षा मीटिंग करते है और दूसरी तरफ उनके ही विधायक दंगे भड़काने के लिए जुलूस निकाल रहे है। भारतीय जनता पार्टी का ये दोहरा चरित्र क्यों?
जब से दंगे शुरू हुए है तब से अमित शाह ने शांति बनाये रखने की एक अपील तक नहीं कि। क्या अमित शाह की कोई जिम्मेदारी नहीं है? pic.twitter.com/4xYBBtInuZ
— AAP (@AamAadmiParty) February 26, 2020
वहीं आप नेता गोपाल राय ने कहा कि पुलिस प्रशासन से बार-बार बात की गई है। पुलिस कमिश्नर ने फोन नहीं उठाया। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी नहीं समझी। पुलिस से बातचीत के बावजूद उपद्रव बंद नहीं हुआ। एलजी हाउस भी गए लेकिन मांग के बावजूद फोर्स नहीं लगाई गई।