पश्चिम बंगाल में जैसे -जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं ,राजनीतिक हिंसा बढ़ती ही जा रही है।हालात यह हैं, कि कल 4 अक्टूबर को राज्य के उत्तरी 24 परगना जिले में बीजेपी नेता मनीष शुक्ला की गोली मार कर हत्या कर दी गई ।
एक ओर जहां पश्चिम बंगाल कोरोना महामारी की मार झेल रहा है, वहीं प्रदेश में खूनी राजनीति का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। स्थिति भयानक है। इस बीच राज्य में राजनीति गरमा गई है।
राज्य में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसको लेकर सियासत का सियायी खेल जारी है। इस मामले में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने संज्ञान लिया है। राज्यपाल ने राज्य में खस्ताहाल होती कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), डीजीपी को समन भेजा है। वहीं, बीजेपी ने इस मामले को लेकर राज्य के बैरकपुर में 12 घंटे का बंद बुलाया है।
जानकारी के मुताबिक, मनीष शुक्ला की हत्या जिले के टीटागढ़ पुलिस स्टेशन के सामने हुई है। बताया जा रहा है कि मनीष शुक्ला कल चार अक्टूबर रात करीब साढ़े 8 बजे टीटागढ़ थाने के सामने बने पार्टी कार्यालय में बैठे थे। इसी दौरान यहां पहुंचे बाइक सवार हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। हमले में गंभीर रूप से घायल मनीष को पहले बैरकपुर के बीएन बोस हॉस्पिटल पहुंचाया गया। हालत गंभीर देखकर उन्हें अपोलो अस्पताल रेफर किया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बीजेपी नेता की हत्या के बाद राज्य में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। मौके की गंभीरता को देखते हुए आधी रात से ही यहां पर भारी संख्या मे पुलिस बल तैनात है। इस मामले को गंभीर मानते हुए राज्यपाल जयदीप धनखड़ ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर बात करने के लिए प्रदेश के डीजीपी समेत तमाम अधिकारियों को आज पांच अक्टूबर को राजभवन बुलाया है।
वहीं बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में घुसपैठियों को आश्रय नहीं दिया जा सकता है, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। उन्होंने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण की नीतियों का अनुसरण करने का आरोप भी लगाया।उन्होंने कहा कि बंगाल को एंटी-नेशनल की धर्मशाला में नहीं बदला जा सकता है, जहां कोई भी आ सकता है, रह सकता है और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो सकता है। उन्होंने घुसपैठियों के कथित प्रवाह के लिए टीएमसी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। विजयवर्गीय ने दावा किया कि ममता बनर्जी सरकार वोट बैंक की खातिर तुष्टिकरण की नीति अपना रही है।