सरकार की ओर से पूरे देश में लॉकडाउन एलान के बाद कई जगहों पर अफरातफरी की माहौल बना हुआ है। एक तरफ जहां प्रशासन लॉकडाउन को सफल बनाने में लगा है वहीं कुछ लोग कालाबाजारी पर उतर आए हैं। कई जगहों से खबरें आ रही हैं कि राशन की दुकानों पर अधिक पैसे लेकर सामान बेचा जा रहा है। हालांकि, सरकार का कहना है कि सप्लाई की कोई कमा नहीं है।
ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के मुठ्ठीगंज से सामने आया है। यहां एक किराना व्यापारी को कालाबजारी के आरोप में गिरफ्तार किया है। खबर के मुताबिक, व्यापारी दाल, चावल और आटा जैसे रोजमर्रा का अधिक कीमतों पर बेच रहा था। जब इसकी शिकायत प्रशासन को मिली तो आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने आकर छापेमारी की और व्यापारी को गिरफ्तार कर लिया।
किराना स्टोर के मालिक के खिलाफ आपूर्ति विभाग की ओर से कालाबाजारी करने के आरोप में 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया, “सामानों की कोई कमी नहीं हैं, लेकिन जो लोग भी आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और मुनाफाखोरी करेंगे उनके पुलिस सख्ती से निबटेगी।
वहीं, डीएम प्रयागराज भानु चन्द्र गोस्वामी ने कहा, “संगम नगरी प्रयागराज में लोगों को खाने पीने के सामनों की कोई किल्लत नहीं होगी। जिले में आवश्यक वस्तुओं के लिए दुकानें सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक खोले जाने के निर्देश दिए गए हैं।” डीएम भानु चन्द्र गोस्वामी ने बताया कि दुकानें पूरे दिन खुली रखने की छूट इसलिए दी गई है, ताकि दुकानों पर लोगों की भीड़ इकठ्ठा न हो सके।
दूसरी तरफ खबर कई मंडियों में एक दिन में आलू की कीमत दोगुनी हो गई है। आमतौर पर 800 रुपये प्रति क्विंटल मिलने वाला आलू थोक में 2000 रुपये बिक रहा है। एक ही रात में प्याज की कीमत में 20 फीसदी का इजाफा हो गया है। हरी सब्जी की कीमत काफी बढ़ चुकी है। कई शहरों में कोई भी सब्जी 60 रुपये प्रतिकिलो से कम में नहीं बीक रहा है। इतना ही नहीं सरसो तेल, चावल, आटा समेत रोजमर्रा के सामान की कीमत प्रधानमंत्री की ओर से पूरी तरह से लॉकडाउन की घोषणा करने के बाद कम-से-कम 10 रुपये बढ़ा दिया गया है।
कई जगहों पर किराने की दुकान वाले सामान का स्टॉक खत्म हो जाने का बहाना बना रहे हैं। वे सामान की कीमत तक बताने से इंकार करते रहे। उनका कहना था कि सामान उपलब्ध होने पर ही कीमत बताई जा सकती है। खुदरा दुकानदारों का कहना है कि पहले लोग 15 दिनों या एक महीने का सामान लेते थे। लॉकडाउन की घोषणा होते ही तीन महीने तक का सामान एक साथ खरीदने आ रहे हैं।
कुछ दुकानदारों ने बताया कि मार्च का महीने खत्म होने वाला है पर अभी से लोगों ने अलगे महीने का सामान स्टॉक कर लिया है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि सामानों की कमी कोई कमी नहीं है। प्रशासन का कहना है कि आवश्यकता पड़ने पर छापेमारी की जा रही है और आगे भी की जाएगी।
कई जगहों से खबर है कि किराना सामान के स्टॉकिस्टों ने खुदरा दुकानदारों को सामान देने से मना कर रहे हैं। खुदरा दुकानदारों ने बताया कि सामान मांगने पर नहीं रहने की बात कहकर लौटा दिया जा रहा है। खुदरा दुकानदारों के मुताबिक, कई जगहों पर स्टॉकिस्टों की ओर से कई सामान के दाम बढ़ा दिए गए हैं। सामान नहीं रहने पर या तो लोगों को सामान नहीं मिल रहा है या फिर दुकानदारों के ओर से दाम अधिक वसूले जा रहे हैं।