मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार पर मंडराता खतरा अब थमता हुआ दिख रहा है। सहकारिता मंत्री गोविन्द सिंह ने दावा किया है कि सभी लापता विधायक मुख्यमंत्री कमलनाथ के संपर्क में हैं। उन्होंने दावा किया है कि कुछ विधायक लौट आए हैं और बाकी विधायक शुक्रवार तक लौट आएंगे। हालांकि, सहकारिता मंत्री ने भाजपा पर आरोप लगाया कि सभी विधायकों को उन्होंने हरियाणा पुलिस की मदद से बंधक बनाया था।
कई दिनों तक गायब होने के बाद वापस लौटे विधायक एंदल सिंह कंसाना ने सफाई दी है कि वो नाराज नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मैं नाराज नहीं हूं, मेरी बहू बीमार है उसे देखने दिल्ली गया था। मुझे कोई ऑफर नहीं दिया गया है।” वहीं भिंड से बीएसपी विधायक संजीव कुशवाहा सफाई दी कि वो किसी भी भाजपा नेता से दिल्ली में जा कर नहीं मिले हैं। कुशवाहा कहा, “मैं कमलनाथ सरकार के साथ खड़ा हूं।”
मप्र में बीजेपी द्वारा विधायकों की ख़रीद फ़रोख़्त को बेनक़ाब करने के लिये कांग्रेस पार्टी की संसद भवन में पत्रकार वार्ता..!
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— MP Congress (@INCMP) March 5, 2020
दूसरी तरफ उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री निवास से बाहर आने के बाद पत्रकारों को बताया, “शिवराज लोकतंत्र की हत्या कर रहे थे। हम सब लोग लोकतंत्र को बचाने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। हमारी पार्टी में कोई नाराज नहीं है। हम सब दिल्ली से एक साथ वापस आए हैं। बीजेपी जब भी ऐसा करेगी उसे माकूल जवाब दिया जाएगा।”
शिवराज ने दिया 35 करोड़ व मंत्री पद का ऑफर :
उज्जैन जिले से विधायक महेश परमार ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भाजपा में आने के लिए 35 करोड़ व मंत्री पद की पेशकश की थी।
शर्म आती है कि लोकतंत्र का यह खरीददार हमारे मप्र का मुख्यमंत्री रहा है।#प्रजातंत्र_का_चीर_हरण pic.twitter.com/ItDiRvuVe7
— MP Congress (@INCMP) March 5, 2020
जीतू पटवारी ने ये भी बताया कि कांग्रेस के चारों लापता विधायकों के संबंध में मुख्यमंत्री से बात हुई। उन्होंने दावा किया, “पार्टी के चारों विधायक मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के संपर्क में बने हुए हैं। उनमें से कुछ लोग शुक्रवार शाम तक लौटेंगे। छह विधायक जो अभी सीएम हाउस में थे वे सरकार के साथ हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस की मदद से विधायकों को भाजपा ने बधंक बनाकर रखा था। वहीं, मंत्री तरुण भनौत ने बताया कि पार्टी में सब ‘ऑल इज वेल’ हैं। खबरों के मुताबिक, एक अन्य विधायक राजेश शुक्ला ने कहा, “मुझे किडनैप करे ऐसा कोई नहीं है। हम काम से गए थे।”
अब खबर ये आ रही है कि कमलनाथ सरकार सियासी उठापटक के बाद असंतोष को खत्म करने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार कर सकती है। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडस विस्तार से पहले दिग्विजय और सिंधिया समर्थक कुछ मंत्रियों को छुट्टी की जा सकती है। बताया जा रहा है कि सहयोगी दलों और निर्दलीय विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। बिसाहू लाल सिंह और ऐंदल सिंह कंषाना का नाम इसमें सबसे ऊपर है।
कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि खरीद-फरोख्त में जिन विधायकों के नाम सामने आए थे उनमें से कुछ लौट आए हैं और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों की मौजूदगी में उनके साथ लंबी बैठक की है। इस बैठ में भाजपा पर पलटवार की रणनीति पर बात हुई है। लेकिन ये सब कुछ बेहद गोपनीय तरीक से किया गया।
इधर, दिग्विजय सिंह ने 5 भाजपा नेताओं के नाम ट्वीट कर गिनाए हैं और उन पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए हैं।
भाजपा में इस horsetrading के लिये ज़िम्मेदार
१- शिवराज चौहान
२- नरोत्तम मिश्रा
३- संजय पाठक
४- विश्वास सारंग
५- भूपेन्द्र सिंहमोदिशाह जी कल धन आप की पार्टी में ही है आप विदेशों में कहाँ ढूँढते हो!
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) March 5, 2020
गौरतलब है कि यह सारा मामला मंगलवार सुबह से ही चल रहा है। दिग्विजय सिंह ने तब आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी के विधायकों को भाजपा चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली ले जा रही है। जबकि भाजपा ने इसका खंडन करते हुए साफ शब्दों में कहा था कि ये कांग्रेस की आंतरिक कलह का परिणाम है। इससे पहले दिग्विजय ने आरोप लगाया गया था कि बीजेपी खुलेआम कांग्रेस पार्टी के विधायकों को 25-35 करोड़ का लालच दे रही है।
पूरे मामले को देखकर अब ये माना जा रहा है कि भाजपा का ‘ऑपरेशन लोटस’ फेल हो गया है। हालांकि, कांग्रेस के 3 और एक निर्दलीय विधायक अभी भी नहीं लौटे हैं। कांग्रेस और निर्दलीय विधायक मिलाकर जो चार 4 विधायकों के लौटने की बात शुक्रवार तक की जा रही हैं उनके नाम हैं- बिसाहू लाल सिंह, हरदीप सिंह डंग और रघुराज सिंह कंसाना। ये सभी कांग्रेस के हैं। और सुरेंद्र सिंह शेरा निर्दलीय हैं।