देश की राजधानी में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामले के बीच सीसीटीवी को लेकर विवाद शुरू हो गया है। अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से दिल्ली में लगाए गए तकरीबन 140,000 चीनी सीसीटीवी कैमरे को लेकर सवाल उठाया गया है।
दरअसल, दिल्ली में लगे सीसीटीवी कैमरों को चीनी कंपनी हिकविजन ने बनाया है। विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में हजारों लोगों ने एक प्रमुख सुरक्षा मुद्दे के डर से कंपनी के ऐप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया है। बीजेपी ने इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है और मांग की कि इस गलती को जल्द से जल्द ठीक किया जाए। हालांकि,इस पर मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि यह सब राजनीति है।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अनुज अग्रवाल का कहना, “सीसीटीवी केवल धमकी नहीं है। लेकिन एक बड़ा जोखिम है जब लोग सीसीटीवी देखने के लिए चीनी कंपनी के ऐप को डाउनलोड करते हैं।”
उन्होंने बताया, “इस ऐप को चीन में किसी भी कंपनी, सरकार या सेना द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसे में उन्हें पता चलता रहेगा कि दिल्ली की सड़कों पर क्या चल रहा है। इस तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए इसमें कोई सुरक्षा सुविधाएँ नहीं हैं। “
पिछले साल जुलाई में, दिल्ली सरकार ने अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए राजधानी के सभी आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों में कुल 1.5 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया था। बीजेपी ने इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की खिंचाई की और मांग की कि चीनी कंपनी के साथ समझौते को जल्द से जल्द समाप्त किया जाए और इस ऐप को हटा दिया जाए।
भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, “हैरानी की बात है, सर्वर भी चीन का है। इसके आधार पर वे दिल्ली की हर जगह पर नजर रख सकते हैं। दिल्ली सरकार को जवाब देना चाहिए कि चीनी कंपनी ने कैमरे क्यों लगाए।” अरविंद केजरीवाल ने इस विवाद का जवाब देते हुए कहा कि यह सब राजनीति है और हम इसमें शामिल नहीं होना चाहते हैं।