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भाजपा ने लिखी ‘जीरो टॉलरेंस’ की इबारत, MLA-MP ने कराई रिश्वत वापिस

भाजपा ने लिखी 'जीरो टॉलरेंस' की इबारत, MLA-MP ने कराई रिश्वत वापिस

वर्ष 2014 में जब देश में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तब भाजपा ने एक नारा दिया ‘जीरो टॉलरेंस’ यानी कि भ्रष्टाचार मुक्त देश। हालांकि, भ्रष्टाचार मुक्त देश कितना बना है यह तो कह पाना मुश्किल है। लेकिन मोदी जी की इसी परिपाटी पर चले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। योगी राज के 3 साल के शासनकाल में उत्तर प्रदेश में शायद ही कोई ऐसा मामला आया होगा जो जीरो टॉलरेंस का साक्षात उदाहरण बना होगा। सर्वविदित है कि जीरो टॉलरेंस की सबसे ज्यादा धज्जियां उड़ाने में पुलिस पहले नंबर पर रही। पुलिस रिश्वत लेती रही और उत्तर प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की धज्जियां उड़ती रही।

योगी सरकार के 3 साल के कार्यकाल में यह अपने आप में पहला मामला है, जब गौतम बुद्ध नगर जिले के सबसे बड़े गांव दुजाना में भाजपा के स्थानीय विधायक तेजपाल नागर ने रिश्वत के ₹ 1 लाख 85000 रूपये वापस कराए। आज दुजाना गांव में जीरो टोलरेंस का जीता जागता उदाहरण देखने को मिला। यहां सैकड़ों लोगों की पंचायत में एक सुखद वाकया सामने आया। जब दादरी के भाजपा विधायक तेजपाल नागर ने दुजाना के जुल्लू प्रजापति के हाथ में 1 लाख 85,000 रुपये से भरा पैकेट सौपा। सैकड़ों लोगों की भीड़ में विधायक का यह सम्मान इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गया।

दुजाना ही क्या पूरा जिला गौतम बुद्ध नगर या कहें कि उत्तर प्रदेश में शायद ही कभी ऐसा देखने को मिला होगा कि एक कोतवाली इंचार्ज ने एक युवक को फर्जी मामले में फंसाया और उससे 1लाख 85, 000 रुपये की रिश्वत ले ली। जिस युवक से लाखों रुपए की रिश्वत पुलिस अधिकारी ने ली वह न केवल निहायत ही गरीब परिवार का है, बल्कि पुरे परिवार में वहीं कमाने वाला है। युवक के पिताजी पैरालाइसिस के मरीज है। आज जब वह विधायक के हाथों से बेटे को बचाने की एवज में दिए गए 1 लाख 85,000 रूपये वापस ले रहे थे तो उनके हाथ कांप रहे थे। जुल्लू प्रजापति को विश्वास नहीं हो रहा था कि ऐसे समय में जब बिना रिश्वत के पुलिसकर्मी क्या जज के पेशकार भी तारीख नहीं देते हैं तो ऐसे में एक थानेदार के हाथों से रिश्वत वापस उनके हाथों में आ गई।

इस पूरे प्रकरण के असली दूत बने हैं मास्टर मौजी राम नागर। समाजसेवी और डीपीएस स्कूल के प्रबंधक मौजी राम नागर को 4 दिन पहले पता चला कि उनके गांव के ज़ुल्लू प्रजापति के पुत्र दिनेश से बुलंदशहर कोतवाली के इंचार्ज ने एक मामले में 1 लाख 85,000 रुपये बतौर रिश्वत लिए। मौजी राम नागर ने जब मामले की छानबीन की तो पता चला की जिस गांव के युवक से कोतवाल इंचार्ज ने ₹1 लाख 85000 लिए हैं वह फर्जी तरीके से लिए गए है।

दरअसल, पुलिसकर्मी दिनेश को 4 दिन पूर्व दुजाना गांव से बुलंदशहर पुलिस उठाकर ले गई। इसके बाद पुलिस ने दिनेश के परिजनों को फोन किया कि वह 2 लाख रुपये ले आए और दिनेश को छुड़ा ले जाएं। दिनेश के पिता जुल्लू प्रजापति रहडी चलाकर परिवार की गुजर-बसर करते थे। हालांकि, अब उनकी यह रहडी भी नहीं चल रही है। उन्होंने गांव में कई लोगों से ₹1 लाख 85,000 कर्ज के तौर पर लिए और बुलंदशहर कोतवाली इंचार्ज को दे दिए। इसके बाद पुलिस ने जुल्लू प्रजापति के बेटे दिनेश को छोड़ दिया।

जब इस बात का पता भाजपा नेता मौजी राम नागर को लगा वह सीधे बुलंदशहर कोतवाली जा पहुंचे। जहां उन्होंने कोतवाली इंचार्ज से गुल्लू प्रजापति के बेटे की एवज में दिए ₹1 लाख 85000 रूपये मांगे। इस पर कोतवाली इंचार्ज ने कहा कि आरोपी दिनेश के बैंक खाते में 20 लाख का ट्रांजक्शन किया गया था । इस तरह साइबर क्राइम में 20 लाख का गबन का आरोप पुलिस ने दिनेश पर लगाया था। जबकि सच्चाई इसके विपरीत थी। जिसके अनुसार दिनेश ने ना तो 20 लाख का गबन किया और ना ही उसके बैंक अकाउंट में 20 लाख रुपए का ट्राजंक्शन हुआ था। इसका सच उस समय उजागर हुआ जब दिनेश के परिजनों ने दिनेश की बैंक की पास बुक पुलिस के सामने रख दी। दिनेश के अकाउंट में सिर्फ 19500 रूपये पाए गए। इस बात पर मास्टर मौजीराम नागर ने पुलिस से कहा कि वह फर्जी तरीके से दिए गए रिश्वत के पैसे वापस करें।

लेकिन कहते हैं कि पुलिस के हाथ से रिश्वत वापिस कराना शेर के मुंह से मांस छीनने के बराबर होता है। पुलिस ने इस मामले में आनाकानी की। फलस्वरूप मौजी राम नागर ने राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर, गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा, जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह और दादरी विधायक तेजपाल नागर को पूरे मामले की जानकारी दी। यही नहीं बल्कि उन्होंने कोतवाली इंचार्ज को इन सभी जनप्रतिनिधियों से फोन भी कराएं। जनप्रतिनिधियों ने कोतवाली इंचार्ज को स्पष्ट कह दिया कि या तो रिश्वत के पैसे वापस करें या कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। इसके बाद कोतवाली इंचार्ज बैकफुट पर आ गये और दिनेश से रिश्वत के तौर पर लिए ₹1लाख 85000 रूपये वापस कर दिए । यही नहीं बल्कि कोतवाल में सभी जनप्रतिनिधियों से फोन पर माफी मांगी।

आज स्थानीय विधायक तेजपाल नागर दुजाना गांव पहुंचे। कोरोना महामारी के बीच सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए। जिनमें पूर्व ग्राम प्रधान ब्रहम सिंह बाबूजी, राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता मेजर रुप सिंह, मास्टर मौजी नागर, पवन नागर बबली, हरेंद्र मैनेजर, वीर सिंह नागर, ऋषि पाल एडवोकेट, प्रेम सिंह सूबेदार, हुकम सिंह महाशय, रविंद्र शर्मा, हंतलाल शर्मा, चतरू ठेकेदार, डॉ. पदम, जगत सिंह नागर, गेल्हा सिंह, अशोक नागर तथा जय प्रकाश प्रजापति मौजूद रहे। सभी लोगों ने इस प्रकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गौतम बुद्ध नगर के दोनों सांसद सुरेंद्र नागर और डॉक्टर महेश शर्मा के साथ ही जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और दादरी के विधायक तेजपाल नागर का आभार व्यक्त किया। इसी के साथ ही जीरो टॉलरेंस की दुजाना गांव में यह इबारत लिखी गई।

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