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अपर्णा को टिकट देकर यादव परिवार में सेंध लगाएगी भाजपा !

 

विधानसभा उपचुनाव से पहले मुलायम परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। कहा जा रहा है कि लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से उनका उपचुनाव लड़ना लगभग तय है, लेकिन वह किस पार्टी से कैंडिडेट होंगी, फिलहाल अभी फाइनल नहीं है। चर्चा है कि अगर समाजवादी पार्टी से उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह भाजपा  से चुनाव मैदान में आ सकती हैं। भाजपा की नीतियों का समर्थन करने के चलते अपर्णा पहले से ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओ की प्रिय है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपर्णा के गऊ प्रेम से पहले से ही अभिभूत है।

 

अपर्णा राम मंदिर मुद्दे पर भी पहले से अप्रत्यक्ष रूप से राम मंदिर बनने का समर्थन कर चुकी है। कुछ दिनों पूर्व राम मंदिर मुद्दे पर मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने एक बड़ा बयान दिया था। अपर्णा ने कहा था  कि उन्हें भी राम मंदिर बनने का इंतजार है। यादव परिवार की विचारधारा के विपरीत भाजपा के समर्थन में दिए गए कई ऐसे कई बयान अपर्णा को भाजपा की और झुकाव को भी प्रदर्शित करते रहे है। चर्चा है कि अपर्णा यादव को उपचुनाव में टिकट देकर भाजपा मुलायम सिंह यादव के परिवार में सेंध लगाने की तयारी में है। 

 

लखनऊ कैंट विधानसभा सीट पर बसपा और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। सपा और बीजेपी में प्रत्याशियों के नाम पर मंथन जा रही है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगर अपर्णा यादव को सपा अध्यक्ष से टिकट नहीं मिला तो बीजेपी का रुख कर सकती हैं। इस चर्चा को इसलिए भी हवा मिल गई है, क्योंकि केंद्र सरकार के कई मौकों पर अपर्णा यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ की है।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले पर भी उन्होंने बीजेपी के फैसले का स्वागत किया था, जबकि सपा प्रमुख ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाये थे। ये कोई पहली बार नहीं था कि पार्टी की विचारधारा से इतर होकर अपर्णा ने कुछ कहा हो।  इससे पहले नोटबंदी, तीन तलाक, मायावती का गेस्ट हाउस कांड, योगी से मुलाकात, पीएम मोदी संग सेल्फी ऐसे कई मौके आए हैं जब अपर्णा ने पार्टी और उसकी कार्यप्रणाली के खिलाफ बोला है और मुखर होकर बोला है।

 

नोटबंदी पर जहां अपर्णा ने हैशटैग ‘डेमोविन्स’ के साथ ट्वीट किया था और लिखा था कि, अभी इस कदम के लाभ-हानि पर फैसला सुनाना जल्दीबाजी होगी। तो वहीं तीन तलाक पर जब समाजवादी पार्टी बिल का विरोध कर रही थी अपर्णा ने कहा था कि यह स्वागत योग्य कदम है। यह महिलाओं, खासकर मुस्लिम महिलाओं को और मजबूती देगा। यह उन महिलाओं को बल देगा जो लंबे समय से अन्याय सहती आ रही हैं। 

 

वहीं जब मायावती के साथ हुए गेस्ट हाउस कांड का मुद्दा उठा था इसपर अपर्णा का तर्क था कि इस तरह की घटना किसी भी महिला के साथ नहीं होनी चाहिए। ध्यान रहे कि जब 1993 में सपा के विधायकों और सांसदों की अगुवाई में पार्टी समर्थकों ने लखनऊ स्थित सरकारी गेस्‍ट हाउस कांड में मायावती और बसपा नेताओं पर हमला कर दिया था और मायावती ने खुद को कमरे में बंद करके अपनी जान बचाई थी।

इसके अलावा समाजवादी पार्टी और पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह उस वक़्त भी बहुत आहत हुए थे जब अपर्णा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ गौशाला में दिखी थीं। योगी तब अपर्णा के साथ गौशाला में पहुंचे थे तो राजनितिक चर्चाओं के खूब दौर चला था।  इसके बाद रही गई कसर तब पूरी हो गई थी जब अपर्णा यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सेल्फी ली और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। फ़िलहाल अपर्णा की भाजपा संग यही नजदीकियां ने उन्हें पार्टी का प्रत्याशी बनाने की चर्चाओं में ला दिया है।

गौरतलब है कि अपर्णा यादव ने लखनऊ की कैंट विधानसभा क्षेत्र से 2017 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के चुनाव पर लड़ा था। इस चुनाव में बीजेपी रीता बहुगुणा जोशी ने जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर अपर्णा यादव रही थीं। उन्हें रीता बहुगुणा जोशी के 95402 वोटों की मुकाबले 61606 वोट मिले थे। जबकि  26 हजार वोट पाकर बसपा प्रत्याशी योगेश दीक्षित तीसरे नंबर पर रहे थे।

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