मणिपुर की बीजेपी नेतृत्व वाली एन बीरेन सिंह सरकार मुश्किलों के दौर से गुजर रही है। सरकार से इस्तीफा देने वाले नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार मंत्रियों को भाजपा केंद्रीय नेतृत्व से बात करवाने के लिए दिल्ली लेकर आया गया है।
खबर है कि एनईडीए के संयोजक हेमंत बिस्व सरमा के साथ इससे पहले इम्फाल में वार्ता के नए दौर के बाद, एनपीपी नेता भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में नेता को बदलने की अपनी मांग पर अड़े रहे। कहा जा रहा है कि पूर्वोत्तर में बीजेपी के संकटमोचक कहे जाने वाले सरमा विशेष विमान में इन चारों मंत्रियों के साथ दिल्ली आए हैं।
असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बीर टिकेंद्रजीत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना होने से पहले मीडियाकर्मियों से कहा कि वह चर्चा के अगले दौर को जारी रखने के लिए दिल्ली रवाना हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “आज, हमने एनपीपी के साथ और कुछ अन्य के साथ चर्चा की है, वो हमारा समर्थन कर रहे हैं। मुझे लगता है कि जल्द ही मुद्दों को सुलरने में सक्षम होंगे।”
BJP, NPP continue negotiations to resolve political instability in Manipur
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— ANI Digital (@ani_digital) June 23, 2020
उन्होंने आगे कहा, “कुछ मतभेद सामने आते रहते हैं। इसलिए, हम अंत में इस बार के मुद्दों को सुलझाना चाहते हैं ताकि आगे कोई टकराव न हो और हम मणिपुर के विकास पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
पिछले हफ्ते एनपीपी के चार मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफा दे दिया था। बाद में खबर आई थी कि बीजेपी के तीन विधायकों ने बीते बुधवार को इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर लिया। लेकिन ताजा घटनाक्रम में चारों नेताओं को आलाकमान से मुलाकात कराने की खबरें आ रही हैं।
दूसरी तरफ सहयोगी दलों और निर्दलीय समेत कुल 6 अन्य विधायकों ने भी बीरेन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। राज्यसभा की एक सीट के लिए 19 जून को चुनाव को होने वाले थे लेकिन उससे पहले ही बीजेपी सरकार के कुल 9 विधायकों के अलग होने से खबर आई थी।
मणिपुर में 2017 के चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति सामने आई थी। 28 विधायकों के साथ कांग्रेस नंबर वन पार्टी बनकर उभरी थी। जबकि, बीजेपी के पास 21 विधायक थे। मगर, बाद में बीजेपी सभी गैर कांग्रेसी विधायकों को अपने पाले में लाकर सरकार बनाने में सफल रही थी।
बीजेपी ने नागा पीपुल्स फ्रंट के 4, एनपीपी के 4, टीएमसी के 1 और एलजेपी के 1 और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन हासिल करने में सफलता हासिल की थी। जिस पर राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था और बीजेपी से एन. बीरेन सिंह मुख्यमंत्री बने थे।
हालांकि, बाद में 7 और कांग्रेस विधायकों ने दलबदल करते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिससे एनडीए को 40 विधायकों का समर्थन हासिल हो गया था। लेकिन अब बीजेपी सरकार से नौ विधायकों के समर्थन वापस ले लेने से सरकार मुश्किल में आ गई है।