पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेताओं द्वारा की गई विवादित टिप्पणी को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह मामला अब तूल पकड़ते जा रहा है। देश सहित दुनिया भर के प्रमुख मुस्लिम देशों के कड़े विरोट्टा के बाद भाजपा
बैकफुट पर आ गई है
गत् सप्ताह से इस्लाम धर्म के पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेताओं, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा की गई विवादित टिप्पणी देश और दुनिया की सुर्खियों में है। पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी का मामला कम होने के बजाए बढ़ता ही जा रहा है। दुनिया के प्रमुख मुस्लिम देशों के कड़े विरोध के बाद भाजपा बैकफुट पर आ गई है। उसने न केवल विवाद को शांत करने के लिए दोनों प्रवक्ताओं पर कार्रवाई की है बल्कि अब सरकार में अहम मंत्री पीयूष गोयल की तरफ से भी सफाई आई है। इस बीच आगे ऐसा कोई विवाद नहीं हो, इसलिए भाजपा ने प्रवक्ताओं के लिए गाइडलाइन भी तय कर दी है। जाहिर है पार्टी जल्द से जल्द इस विवाद को खत्म करना चाहती है। ऐसे में यह भी सवाल उठ रहें हैं कि क्या इस विवाद के बाद, विवादित बयान देने वाले दूसरे नेताओं के सुर भी बदलेंगे? इस मुद्दे पर बवाल इतना बढ़ गया है किखाड़ी देश भारत के उत्पादों का बहिष्कार करने तक की धमकी दे रहे हैं। ऐसे में भारत सरकार की चिंताएं बढ़ी हुई हैं। हालांकि विवादित बयान पर बढ़ते बवाल को देखते हुए बीजेपी ने दोनों ही नेताओं को पार्टी से बाहर निकाल इस विवाद से अपना पल्ला झाड़ लिया है।
इस प्रकरण पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ओमान के ग्रैंड मुफ्ती शेख अल-खलीली ने ट्वीट किया कि भारत की सत्ताधारी पार्टी के प्रवक्ता की अभद्र टिप्पणी हर मुसलमान के खिलाफ जंग की तरह है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा है। कथित तौर पर, सऊदी अरब, कुवैत और बहरीन जैसे खाड़ी देशों के कई सुपरस्टोर भारतीय उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं तो वहीं पाकिस्तान के पीएम ने नूपुर शर्मा के बयान पर कहा कि ‘मैं हमारे प्यारे पैगंबर के बारे में भारत के बीजेपी नेताओं की आहत करने वाली टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।’ ईरान के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे को लेकर तेहरान में भारतीय राजदूत को तलब किया। हालांकि अपने स्पष्टीकरण में भारतीय राजदूत ने अफसोस व्यक्त किया और कहा कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कोई भी अपमानजनक टिप्पणी स्वीकार नहीं है। भारत सरकार का इस तरह के बयानों और टिप्पणियों से कोई लेना देना नहीं है। भारत में सभी धर्मों का अत्यधिक सम्मान है। भारतीय राजदूत ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी करने वालों को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही वह सरकार में किसी भी पद पर नहीं हैं। गौरतलब है कि अरब देशों से भारत सरकार के अच्छे कूटनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों को देखते हुए भारत के लिए यह जरूरी हो गया था कि वह इस मुद्दे को गरमाने से रोके। खाड़ी देशों में करीब 88 लाख भारतीय रहते हैं। और पिछले साल उन्होंने करीब 87 अरब डॉलर की रकम, भारत भेजी है। इसके अलावा भारत पेट्रोलियम और गैस के लिए खाड़ी देशों पर कहीं ज्यादा निर्भर है। करीब 60 फीसदी तेल खाड़ी देशों से आता है। मजबूत रिश्तों पर कोई आंच न आये इसलिए भारत सरकार ने यह साफ किया, कि किसी प्रवक्ता के बयान का मतलब भारत सरकार की सोच नहीं है। आगे ऐसा कोई विवाद न हो, भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं के लिए नई गाइडलाइन बनाई है। इसके तहत अब केवल आधिकारिक प्रवक्ता और पैनलिस्ट ही टीवी चैनलों की डिबेट में जाएंगे। इन्हें पार्टी का मीडिया सेल तय करेगा। दूसरी अहम बात यह कि किसी भी धर्म के खिलाफ और उनके पूजनीय और प्रतीकों के बारे में विवादास्पद बातें नहीं बोलनी है। संयमित भाषा का प्रयोग करना है। उत्तेजित और उद्वेलित नहीं होना है और किसी के उकसावे पर भी पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं करना है। साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने भी कार्रवाई कर मामले को ठंडा करने की कोशिश की है।
मुस्लिम देश के प्रमुख नेता
पाकिस्तान ने साधा भारत पर निशाना
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत धार्मिक स्वतंत्रता को रौंद रहा है और मुसलमानों को सताया जा रहा है। दुनिया को इस पर ध्यान देना चाहिए। हमारा प्यार पवित्र पैगंबर के लिए सर्वोच्च है। सभी मुसलमान अपने पवित्र पैगंबर के प्यार और सम्मान के लिए अपना जीवन बलिदान कर सकते हैं। इसी तरह कुवैत ने भी एक बयान जारी कर इस तरह की टिप्पणियों की निंदा की है। इसके साथ ही कुवैत ने भारत में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की टिप्पणियों को लेकर राजदूत सिबी जॉर्ज को विरोध दर्शाता एक आधिकारिक नोट भी सौंपा। जवाब में कुवैत में भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय राजदूत ने कुवैत के विदेश कार्यालय को बताया कि विवादास्पद टिप्पणी भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाती है। इस मामले में अब आतंकी संगठन ‘अल कायदा’ भी कूद गया है। ‘अल कायदा’ ने चिट्ठी जारी कर भारत को धमकी दी है। इस चिट्ठी पर 6 जून 2022 की तारीख है। यह चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है।
भगवाधारियों का अंत करेंगे, अल कायदाः ‘अल कायदा’ ने इस पत्र में कहा है कि कुछ दिन पहले हिंदुत्व के प्रचारक ने टीबी डिबेट के दौरान इस्लाम धर्म का अपमान किया था। उनके बयानों से दुनिया भर के मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंची। ‘अल कायदा’ ने आगे कहा कि हम पैगंबर के अपमान का बदला लेंगे। हम अपने और अपने बच्चों के शरीर में विस्फोटक बांधेंगे, ताकि ऐसे लोगों को उड़ाया जा सके। दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश और गुजरात में भगवाधारियों का अंत करेंगे। वह न अपने घर में छुप पाएंगे और न ही सेना उन्हें बचा पाएगी।
मुस्लिम देश जता रहे हैं विरोध
इस मुद्दे पर पहले 57 मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने विरोध भी जताया और इसके बाद कुछ अरब देशों ने भारतीय उत्पादों का बहिष्कार शुरू कर दिया। इसके साथ ही ईरान, इराक, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, यूएई, जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया, इंडोनेशिया, तुर्की, मलेशिया और पाकिस्तान ने भी बयान का विरोध किया है।
एक्शन में भाजपा
विवादित टिप्पणी करने वाले नूपुर शर्मा और नवीन कुमार पर कार्रवाई के बाद भाजपा एक्शन में दिख रही है। पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर हो रहे भारी विरोध के चलते भाजपा ने धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले अपने 38
नेताओं की पहचान की है। इनमें से 27 चुने हुए नेताओं को ऐसे बयान देने से बचने की हिदायत दी है। इनसे कहा गया है कि धार्मिक मुद्दों पर बयान देने से पहले पार्टी से परमिशन ले लें। भाजपा ने अपने नेताओं के पिछले 8 साल, सितंबर 2014 से 3 मई 2022 तक, के बयानों को आईटी विशेषज्ञों की मदद से खंगाला है। जिसमें करीब 5 हजार 200 बयान गैर-जरूरी पाए गए हैं। जबकि 2 हजार 700 बयानों के शब्दों को संवेदनशील पाए जाने के बाद 38 नेताओं के बयानों को धार्मिक मान्यताओं को आहत करने वाली कैटेगरी में रखा गया है।
इन नेताओं के रहे हैं विवादित बोल
नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल के अलावा भी पार्टी के कई ऐसे नेता रहे हैं, जिनके बयानों को लेकर विवाद हो चुके हैं। इस लिस्ट में साक्षी महाराज, तेजस्वी सूर्या, गिरिराज सिंह, संगीत सोम, अनंत कुमार हेगड़े, प्रज्ञा ठाकुर जैसे नेताओं के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। अब देखना है कि ताजा विवाद और भाजपा की पार्टी के अंदर नेताओं को दी गई नसीहत कितनी काम आती है।
क्या है पूरा मामला
हाल ही में एक टीवी डिबेट के दौरान नूपुर शर्मा ने ज्ञाव्यापी मस्जिद मामले को लेकर अपनी राय रखी। इस दौरान उन्होंने पैगंबर मोहम्मद को लेकर एक बयान दिया। इस बयान पर काफी हंगामा हुआ और नूपुर शर्मा के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने, द्वेषभाव फैलाने और दूसरे धर्म के खिलाफ टिप्पणी करने के आरोप में एफआईआर भी दर्ज हुई। खास तौर पर अरब देशों ने भी शर्मा की टिप्पणी की कड़ी निंदा की थी। कतर समेत कई अरब देशों ने आपत्ति जताई तो बीजेपी भी हरकत में आई। बीजेपी ने नूपुर को पार्टी से सस्पेंड कर दिया। बीजेपी ने एक पत्र जारी कर कहा कि, इस तरह की टिप्पणी बीजेपी के मूल विचार के विरोध में है।
नूपुर ने मांगी माफी
पार्टी से निलंबित होने के बाद नूपुर शर्मा ने अपनी टिप्णणी को लेकर माफी मांगी। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। मेरी मंशा किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी, अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।