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बीजेपी सांसद जसकौर मीणा: किसान आंदोलन में एके-47 लेकर आतंकवादी बैठे हुए हैं

नए कृषि कानूनों को लेकर देशभर के किसान इन कानूनों के खिलाफ आंदोलित हैं। कल यानी 20 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच दसवें दौर की बैठक एकबार फिर बेनतीजा रही। अब अगली बैठक 22 जनवरी को होनी है।  इस सब के बीच जब से किसान दिल्ली के बॉर्डर्स पर आकर बैठे हैं, बीजेपी नेताओं ने उन्हें खालिस्तानी, वामपंथी बताने से  लेकर इस आंदोलन में चीन-पाकिस्तान का हाथ होने और विदेशी फंडिंग के कई आरोप लगाने के बाद अब  राजस्थान की बीजेपी सांसद जसकौर मीणा ने कहा है कि किसान आंदोलन में आतंकवादी बैठे हुए हैं, और उन्होंने एके-47 ली हुई है, खालिस्तान का झंडा लगाया हुआ है, इस देश में ऐसी कितनी रुकावटें हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए इन्हें दूर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ग्राम विकास के लिए जन-जन के विकास के लिए काम कर रहे हैं।’

सुरक्षित दौसा सीट से सांसद मीणा ने यह भी कहा कि मोदी युग पुरुष  हैं और इस देश को जगत गुरू बनाने की ओर ले जा रहे हैं। केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट में कह चुकी है कि किसानों के प्रदर्शन में खालिस्तानियों की घुसपैठ  हो चुकी है।

बीजेपी में ऐसे नेताओं की लंबी कतार है, जो किसान आंदोलन को खालिस्तानियों और वामपंथियों का आंदोलन बता चुके हैं या इसमें घुसपैठ होने की बात कह चुके हैं। इनमें वरिष्ठ मंत्री रविशंकर प्रसाद से लेकर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम और अरुण सिंह का नाम शामिल है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री राव साहब दानवे, हरियाणा सरकार के मंत्री जेपी दलाल इसमें चीन-पाकिस्तान का हाथ बता चुके हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बीजेपी नेताओं के बयानों को लेकर नाराज़गी जाहिर कर चुके हैं। राजनाथ सिंह ने पिछले महीने एक  इंटरव्यू में किसानों को अन्नदाता कहते हुए अर्थव्यवस्था में उनका अहम योगदान बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत की संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा में सिखों का बड़ा योगदान रहा है। राजनाथ सिंह ने  कहा था कि वे किसी भी किसान को खालिस्तानी मानने के लिए तैयार नहीं हैं।

कृषि क़ानूनों के पुरजोर विरोध के कारण एनडीए से नाता तोड़ने वाली शिरोमणि अकाली  दल के प्रधान और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस तरह के बयानों को लेकर मोदी सरकार को घेरा था और कहा था कि अगर ऐसा है तो फिर सरकार उन्हें बातचीत के लिए क्यों बुला  रही है।

बादल ने कहा था, ‘अगर सरकार की बात मान लें तो देशभक्त और न मानें तो आतंकवादी, इससे ख़राब बात और क्या हो सकती है।’ उन्होंने कहा था कि हमारे लिए देश सबसे पहले है और किसान देश के लिए ही लड़ाई लड़ रहे हैं।

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