जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने इस बीच जिस तरह चुन-चुनकर भाजपा के सरपंचों को अपना निशाना बनाया है, उससे राज्य के पार्टी नेता भयतीत बताए जा रहे हैं। खबर है कि अब नेता अपनी और अपने परिवार की सलामती के लिए पार्टी छोड़ने लगे हैं।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद आतंकवादी राज्य में भाजपा के कई नेताओं की हत्या कर चुके हैं। इसी महीने यानी कि 4 अगस्त की शाम कोे काजीगुंड के अखरान में आतंकवादियों ने भाजपा सरपंच आरिफ अहमद पर हमला कर दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। अभी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
इस घटना के दहशत से लोग उबरे भी नहीं थे कि 6 अगस्त की सुबह आतंकवादियों ने एक और भाजपा सरपंच की गोली मारकर हत्या कर दी। काजीगुंड ब्लाॅक के वेस्सु गांव के सरपंच सज्जाद अहमद घर के पास ही कुछ दूरी पर खड़े थे तभी आतंकवादियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई जिसमें उन्हें गोली लगी और वे गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल अवस्था में उन्हें जीएमसी अनंतनाग ले जाया गया जहां डाॅक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सज्जाद अहमद की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी।
इससे पहले 8 जुलाई को बांदीपोरा में भाजपा जिला अध्यक्ष शेख वसीम बारी की हत्या कर दी थी। बारी के साथ ही उनके पिता बसीर अहमद शेख और भाई उमर सुल्तान को भी मार डाला था। जबकि शेख वसीम को पुलिस सुरक्षा भी मिली हुई थी। घटना के वक्त वे घर पर ही थे। तब सुरक्षाकर्मी घर की पहली मंजिल पर थे और वसीम ग्राउंड फ्लोर में दुकान में थे जब उन पर हमला हुआ।
यही नहीं 8 जून को अनंतनाग लर्किपोरा के लोकभावन इलाके के 42 वर्षीय सरपंच और कांग्रेसी नेता अजय पंडिता को भी आतंकवादियों ने गोलियों से भून डाला। जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। तब यह मामला काफी सुर्खियों में रहा।
घाटी में पिछले ढाई महीने में तीन नेताओं की आतंकवादियों ने हत्या कर दी। एक घायल अस्पताल में भर्ती है। ये सभी घटनाएं 1 महीने के अंतराल में हुई। अब यहां के नेता और उनके परिवार वाले काफी दहशत में हैं कि न जाने अगला निशाना कौन होगा? बताया जाता है कि आतंकवादियों के डर से अब भाजपा नेता पार्टी तक छोड़ने लगे हैं।
-जनार्दन कुमार सिंह