साल के अंत में होने वाले हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों में जोर आजमाइस शुरू हो गई है। प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा एक एक फिर ‘मोदी मैजिक’ का सहारा लेने की तैयारी करती नजर आ रही है। हिमाचल चुनाव को लेकर पार्टी को डर है कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर के चलते उसे चुनावों में भारी नुकसान हो सकता है। ऐसे में पार्टी राज्य में सत्ता बरकरार रखने के लिए शाम दाम दंड भेद की राजनीति पर उतर आई है।
दरअसल, राज्य में भाजपा ने केंद्र में नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस का जश्न मनाने की योजना बनाई है। खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के वरिष्ठ सदस्य कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि राज्य में पार्टी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बढ़ते कदमों का सामना करने की कोशिश में है।
खबरों के अनुसार पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पीएम की मुलाकात के अलावा पीएम भी राज्य को लेकर उत्सुक हैं। क्योंकि पीएम मोदी ने भी अपने सियासी सफर की शुरुआत हिमाचल प्रदेश से ही की थी। वह लंबे समय राज्य के मामलों के प्रभारी रहे।
हालांकि अभी तक कार्यक्रम की तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन भाजपा नेताओं का कहना है कि मई के अंत तक आयोजन हो सकता है। रिपोर्ट में पार्टी के आंतरिक सूत्रों के हवाले से लिखा कि कार्यक्रम का फोकस केंद्र और एनडीए सरकार की उपलब्धियों पर होगा। राज्य में केंद्र की योजनाओं के लाभार्थी भी फायदों के बारे में बात करने के लिए उपस्थित रहेंगे।
भाजपा नेताओं ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि प्रभाव जमाने के लिए अन्य राज्यों के लाभार्थी भी शामिल हों। हालांकि, केंद्रीय मंत्रालयों की तरफ से इसे मंजूरी मिलना बाकी है। वहीं, कुछ नेता तर्क दे रहे हैं कि इससे ध्यान हिमाचल प्रदेश से भटक सकता है।
चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा नेताओं का मानना है कि पीएम इस मौके पर बड़ी घोषणा कर सकते हैं। इनमें हरोली में ड्रग फार्मा पार्क स्थापित करना शामिल है। वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी इस परियोजना की आधारशिला रख सकते हैं, जो 500 करोड़ रुपये के निवेश में 10 हजार लोगों को रोजगार दे सकता है। पार्टी के नेता मानते हैं कि ‘मोदी के जादू’ को देखते हुए भाजपा इसका फायदा उठाने और विपक्षी दलों को अस्थिर करने की उम्मीद कर रही है।