उत्तराखण्ड में कई महीने पहले से ही आम आदमी पार्टी दिल्ली के नेताओं को चुनावी समर में उतार चुकी है। दरअसल, दिल्ली के आगामी नगर निगम का चुनाव लड़ने के इच्छुक नेता है उनका पॉलीटिकल टेस्ट करने के लिए आम आदमी पार्टी ने एक अनूठा प्रयोग किया है । जिसके तहत आगामी नगर निगम में चुनाव लड़ने के इच्छुक पार्षद प्रत्याशियों को आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में लगाया है। जहां उनके परिणाम भी आने लगे हैं। पार्षद का टिकट पाने के इच्छुक ऐसे नेता आम आदमी पार्टी के उत्तराखण्ड में मजबूत प्रत्याशियों की तलाश कर रहे हैं। साथ ही आम आदमी पार्टी को बूथ स्तर पर मतदाताओं से जोड़ने के लिए भी अपना अहम योगदान दे रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के इस राजनीतिक प्रयोग के बाद अब भाजपा ने भी कुछ ऐसा ही प्रयोग करने की रणनीति बनाई है। जिसके तहत दिल्ली भाजपा के नेताओं को उत्तराखण्ड और वेस्ट यूपी में उतार दिया गया है। बताया जा रहा है कि वेस्ट यूपी में भाजपा के करीब 100 नेता है तो उत्तराखण्ड में 60 नेता है, जिन्हें दिल्ली से चुनावी प्रबंधन के लिए भेजा गया।

आम आदमी पार्टी ने अपने नेताओं को कई महीने पहले ही चुनावी ड्यूटी में उतार कर यह मैसेज दे दिया था कि वह दिल्ली के नेताओं पर भरोसा करते हैं। हालांकि, देखा जाए तो उत्तराखण्ड में आम आदमी पार्टी के पास नेताओं की अभी इतनी बड़ी जमात नहीं है जिससे वह काम करा सकें। इसके चलते ही आम आदमी पार्टी ने यह नया प्रयोग किया था। इसके बाद भाजपा भी इसी राह पर है।
भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नेताओं की टीम की निगरानी दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और वर्तमान महासचिव दिनेश प्रताप सिंह कर रहे हैं। जबकि दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष विरेंद्र सचदेवा, अशोक गोयल देवराहा और सुनील यादव, प्रदेश प्रवक्ता विक्रम बिधूड़ी, अदित्य झा, मोहन लाल गोहरा और ब्रजेश राय के साथ ही पूर्व मेयर जय प्रकाश जेपी को भी उत्तर प्रदेश में चुनावी ड्यूटी में लगाया गया है।
वेस्ट यूपी में दिल्ली भाजपा के यह नेता 9 जिले की 44 विधानसभाओं में स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर बूथ प्रबंधन को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। बताया जाता है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में वेस्ट यूपी में भाजपा को 9 जिलों की इन 44 विधानसभाओं में 32 में जीत मिली थी। जबकि इस बार किसान आंदोलन के चलते पार्टी के लिए यह संभव नहीं बताया जा रहा है। इसके चलते ही भाजपा ने दिल्ली के करीब 100 नेताओं की पूरी फौज वेस्ट यूपी में उतार दी है।
इसके अलावा करीब 60 नेता ऐसे हैं जिनकी डयूटी उत्तराखण्ड के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लगाई गई है। इन नेताओं को संचालित करने के लिए दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेश भाटिया को टीम का प्रभारी बनाया गया है। जबकि योगेश चंदोलिया को सह प्रभारी बनाया गया है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड सहित पांच राज्यों में अगले साल चुनाव होने हैं। यह चुनाव फरवरी में हो सकते हैं। जिसके मद्देनजर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी गोटिया फिट करने में जुटे हुए हैं। उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश की बात करें तो इन दोनों प्रदेश पर भाजपा का कब्जा है। फिलहाल, भाजपा दोनों प्रदेशों पर अपना कब्जा बरकरार करने के लिए राजनीति का हर दांव आजमा रही है।