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बिहार सरकार देगी 100 दिनों का रोजगार गारंटी, काम के हिसाब से मिलेगा दिहाड़ी

नीतीश बोले, किसी मजदूर को पैसा देने की जरूरत, क्वारेनटीन के बाद देंगे एक हजार रुपये

कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में हुए लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है। इसी को देखते हुए बिहार सरकार ने मजदूरों के लिए 100 दिनों का रोजगार देने का फैसला किया है। यह रोजगार मनरेगा के तहत दिया जाएगा। मजदूरों के भुगतान में कोई कठिनाई नहीं हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को 1078 करोड रुपये की राशि आवंटित किया है।

श्रम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले दो वित्तीय वर्ष की बकाया मजदूरी का भी भुगतान होगा। राज्य सरकार अगले एक सप्ताह के अंदर इस बकाया राशि के भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित कर देगी। दो वित्तीय वर्ष में मजदूरी मद में ही 630 करोड़ बकाया था। केंद्र से मिली इस राशि में से 500 करोड़ बचेंगे जो लॉकडाउन के बाद काम शुरू होगा। ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मनरेगा में पैसों की कमी नहीं होने दी जाएगी और कोशिश होगी कि गांव में ही तत्काल काम दिलाया जाएगा। काम की खोज के लिए अफसरों को निर्देश दे दिया गया है।

अभी बिहार में कोरोना के पॉज़िटिव मरीज़ों की संख्या 60 है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सिवान जिले के एक गाँव में से 25 लोग संक्रमित पाए गए हैं। उसमें से 23 लोग एक ही परिवार के है। इसी के साथ कल गुरुवार को यह निर्णय लिया गया है कि 3 जिलों को सील कर दिया जाए। यह जिले है सिवान, बेगूसराय ओर नवादा। यह पूरी तरह से सील कर दिया गया है।

साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार वासियों से अपील की है कि जो लोग विदेश से लौटे है वो अपना ट्रेवल हिस्ट्री को न छुपाए और सामने आए। बाकी राज्यों के मुकाबले यहाँ 38 जिलों में से 28 में नहीं हुआ है। खास बात यह भी है कि कोरोना संक्रमित पटना के सभी छह, मुंगेर के सात में से छह (कतर से लौटे एक युवक की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने से पहले मौत हो गई थी) और भागलपुर के सात में से छह मरीज बिल्कुल स्वस्थ होकर घर वापस लौट चुके हैं।

यहाँ पर बिहार सरकार की ओर से केंद्र सरकार के 24 मार्च की आधी रात से लॉकडाउन के फैसले से पहले 23 मार्च की सुबह से ही प्रदेश में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था। यहाँ शुरुआत में ही संदिग्धों की तलाश की गई, और करीब 12 हजार से अधिक लोगों को क्वॉरेंटिन किया गया। इसके साथ ही किसी भी प्रकार का शक होने पर तुरंत उसे अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की गई।  इसके लिए सभी जिला अस्पतालों में क्वारेंटिन वार्ड भी बनाए गए थे। मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि बिहार सरकार ने 150 शिविर बनाए अपने राज्य के सीमा पर, जहां बाहर से आने वाले लोगों को रखा जा रहा है। कुल 17,964 लोग ऐसे शिविरो में रह रहे हैं। तो वही 3147 स्कूल में क्वॉरेंटिन सेंटर चल रहे हैं, जहां लगभग 35,000 लोग रह रहे हैं।

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