[gtranslate]
Country

बिहार की हार – राहुल पर प्रहार !

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने अपने एक किताब के संस्मरण में लिखा है कि “कांग्रेस नेता राहुल गांधी में एक ऐसे घबराए हुए और अनगढ़ छात्र के गुण है जो अपने शिक्षक को प्रभावित करने की चाहत रखता है। लेकिन उसमें विषय में महारत हासिल करने की योग्यता और जुनून की कमी है।” उन्होंने राहुल गांधी को एक नर्वस नेता बताया हैं। ओबामा की किताब के अंश उस समय सामने आए हैं जब बिहार विधानसभा के चुनाव परिणाम घोषित हो चुके हैं । ऐसे में विपक्ष इस बात से खुश नजर आ रहा है । बिहार में कांग्रेस फेल साबित हुई । जिसके बाद राहुल गांधी के खिलाफ एक बार फिर बयानबाज़ी हो रही है।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अलावा सभी दलों का स्ट्राइक रेट बेहतर रहा। जबकि राहुल गांधी की कई सभाएं होने के बावजूद बिहार में आशा के अनुरूप परिणाम नहीं आया।  यहां कांग्रेस 70 पर चुनाव लड़ी । जिसमें वह महज 19 सीटें जीत पाई। जबकि आरजेडी 144 सीटों पर चुनाव लड़ी और 75 पर जीत गई । इस तरह आरजेडी का प्रदर्शन कांग्रेस के एकदम विपरीत सामने आया ।
चौंकाने वाली बात तो सीपीआई – एमएल की रही। सीपीआई – एमएल गठबंधन का हिस्सा रही। वह बिहार में 19 सीटों पर चुनाव लड़ी और 12 सीटों पर सफलता हासिल कर ली। बिहार में कांग्रेस की इतनी बुरी गत होगी यह किसी ने सोचा भी नहीं था । हालांकि इसके पीछे ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम फैक्टर भी बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस का गलत टिकट विवरण भी । यह जानकर आश्चर्य होगा कि गठबंधन में कांग्रेस को 13 सीटें ऐसी मिली थी जिन पर वह कभी चुनाव ही नहीं लड़ी थी । यह सीटें कांग्रेस ने क्यों ली यह भी एक सवाल है। हालांकि सवाल बहुत है । लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिहार में कांग्रेस की हार पर फजीहत हो रही है। फजीहत करने वाले कोई और नही अपनी ही पार्टी के नेता हैं। जो चाहे – अनचाहे सामने आ गए हैं। फिलहाल एक बार फिर राहुल गांधी को निशाना बनाया जा रहा हैं।
 महज तीन महीने पहले ही आंतरिक कलह से उभर कर सामने आई देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस एक बार फिर आंतरिक विवाद का शिकार होती हुई नजर आ रही है । कारण बने हैं बिहार विधानसभा चुनाव। इन चुनावों में कांग्रेस को अपेक्षा के विपरीत बहुत कम सीटें मिली। जिसके लिए राहुल गांधी को निशाने पर लिया जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने बिहार चुनाव में पार्टी की करारी हार पर शीर्ष नेतृत्व पर करारा हमला किया है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि “पार्टी ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नीति मान लिया है । इससे पहले बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने भी कहा था कि बिहार चुनाव परिणाम और पार्टी के अंदर मंथन होने की जरूरत है।
अति तो तब हो गई जब आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी तक ने राहुल गांधी को घेरे में ले लिया। उन्होंने यहां तक कहा कि कांग्रेस देश भर में अपने गठबंधन सहयोगियों पर बोझ बनती जा रही है और इसकी वजह से ही हर जगह गठबंधन का खेल खराब हो रहा है। यही नहीं बल्कि आरजेडी नेता ने कहा कि “बिहार में जब चुनाव पूरे शबाब पर थे तब राहुल गांधी शिमला में प्रियंका जी के घर पर पिकनिक मना रहे थे। क्या पार्टी इस तरह से चलती है, जिस तरह से कांग्रेस पार्टी चलाई जा रही है । उससे बीजेपी को फायदा हो रहा है।
कांग्रेस के एकमात्र वरिष्ठ नेता जिसने बिहार में प्रचार किया वह राहुल गांधी रहे। राहुल गांधी का प्रचार पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निजी हमला करने पर केंद्रित रहा। अधिकतर नेताओं का मानना है कि पूर्व के चुनावों में भी यह कदम भारी साबित हुआ था। यह प्रचार तेजस्वी यादव के प्रचार से एकदम विपरीत रहा। तेजस्वी यादव ने मुद्दों पर आधारित प्रचार अभियान चलाया और रोजगार और भ्रष्टाचार के मसले पर केंद्रित किया।
 याद रहे कि गत अगस्त माह में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव करने के लिए आवाज उठाई थी। जिनमें कपिल सिब्बल के साथ ही लोकसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी से मुकुल वासनिक, जितेंद्र प्रसाद जैसे वरिष्ठ नेता थे। इन 23 नेताओं में 5 पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल थे। पार्टी के इतिहास में यह पहली बार हुआ था जब पार्टी सुप्रीमों के खिलाफ कई नेताओं ने आवाज उठाई थी। तब कहा गया था कि अगले छह माह तक सोनिया गांधी अध्यक्ष रहेगी। उसके बाद पार्टी का अध्यक्ष चुना जाएगा।

You may also like

MERA DDDD DDD DD